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Date: 
10.10.2015
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Patna

बिहार विधानसभा चुनाव में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.  बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार  दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे कुल 456 उम्मीदवारों में 31 फीसदी आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार है जबकि 110 यानि 24 फीसदी गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनपर हत्या, हत्या के प्रयास, साम्प्रदायिक दंगे, अपहरण और महिलाओं के उपर अत्याचार के मामले दर्ज है.

गंभीर आपराधिक मामले वाले उम्मीदवारों में बीजेपी के 16 में 6 यानि 38 फीसदी, जेडीयू 13 में 5 यानि 38 फीसदी, आरजेडी के 13 में से 9 यानि 69 फीसदी, कांग्रेस के 6 में से 1 यानि 17 फीसदी उम्मीदवार हैं. औरंगाबाद से सबसे ज्यााद 9 उम्मीदवार आपधारिक छवि वाले चुनाव लड़ रहे हैं.

दूसरे चरण में 106 यानि 23 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति है. चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.18 करोड़ है. करोड़पति उम्मीदवारों में बीजेपी के 16 में 9 यानि 56 फीसदी, जेडीयू के 13 में से 10 यानि 77 फीसदी, आरजेडी के 13 में 8 यानि 62 फीसदी, एसपी 19 में से 8 यानि 42 फीसदी, कांग्रेस के 6 में 3 यानि 50 फीसदी उम्मीदवार हैं.

औरंगाबाद से बीएसपी के कौशल सिंह के पास 54 करोड़, औरंगाबाद से ही बीजेपी के गोपाल नारायण सिंह के पास 42 करोड़ और अरवल से आरक्षण विरोधी पार्टी से चुनाव लड़ रहे ललित मोहन सिंह के पास 34 करोड़ की संपत्ति है.

कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों में सीपीआई के रामआशीष सिंह के पास कुल संपत्ति 1,000 रु है जबकि गया से अखिल भारतीय हिन्दू सभा से चुनाव लड़ रहे राज कुमार पासवान के पास तीन हजार और क्रांत्रिककारी दल की मुन्नी देवी के पास मात्र 7 हजार रुपए है.

पहले और दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे कुल 1039 उम्मीदवारों में से 316 उम्मदीवार यानि 30 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले हैं जबकि 1039 में से 240 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है. जबकि दोनों चरणों में कुल 252 यानि 24 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं.

गंभीर आपराधिक मामलों में पांच साल या उससे अदिक सजा वाले अपराध, गैर जमानती अपराध, हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कर से संबंधित जैसे अपराध शामिल हैं.

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