एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दिल्ली के 69 विधायकों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इसमें 31 (45 फीसदी) ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में स्वीकार्य सीमा के 50 फीसदी से भी कम चुनाव खर्च घोषित किया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान रकम खर्च करने में भाजपा के विधायक सबसे आगे रहे। शीर्ष तीन पर भी भाजपा के विधायक हैं। वहीं चुनाव के दौरान करीब आधे विधायकों ने तय सीमा से आधा खर्च किया।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दिल्ली के 69 विधायकों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इसमें 31 (45 फीसदी) ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में स्वीकार्य सीमा के 50 फीसदी से भी कम चुनाव खर्च घोषित किया है। चुनाव में विधायकों की खर्च की गई औसत राशि 20.79 लाख रुपये रही।
यह खर्च सीमा का 52 फीसदी है। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 47 विधायकों का औसत खर्च 24.68 लाख रुपये (खर्च सीमा का 61.7 फीसदी) और आप के 22 विधायकों का औसत खर्च 12.48 लाख रुपये (खर्च सीमा का 31.2 फीसदी) है। सबसे अधिक खर्च करने वाले शीर्ष तीन विधायक भाजपा से हैं।
इनमें आरके पुरम से अनिल कुमार शर्मा ने सबसे अधिक 31.91 लाख रुपये (सीमा का 80 फीसदी) खर्च की सूचना दी। उसके बाद द्वारका से परदुयम सिंह राजपूत ने 31.44 लाख रुपये (79 फीसदी) और जनकपुरी से आशीष सूद ने 30.68 लाख रुपये (77 फीसदी) खर्च किए।
कम खर्च करने वालों में आप से हैं। रिपोर्ट के अनुसार मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल ने केवल 4.53 लाख रुपये (11 फीसदी) खर्च किए, सीमा पुरी से वीर सिंह धिंगान ने 6.5 लाख रुपये (16 फीसदी) और दिल्ली छावनी से वीरेंद्र सिंह कादियान ने 6.54 लाख रुपये (16 फीसदी) खर्च किए। अभियान निधि के खर्च के संदर्भ में 88 विधायकों ने वाहनों पर खर्च की सूचना दी, जो इसे सबसे आम श्रेणी बनाता है।
पार्टी से मिला फंड
रिपोर्ट अनुसार 69 विधायकों में से 80 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक दलों से वित्तीय सहायता मिली थी, 57 प्रतिशत ने दान या ऋण के माध्यम से धन जुटाया और 91 प्रतिशत ने अपने अभियानों के लिए व्यक्तिगत धन का इस्तेमाल किया। जिन 31 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक आरोपों की घोषणा की है, उनमें से 29 (94 प्रतिशत) ने पुष्टि की कि उन्होंने अनिवार्य घोषणाओं को प्रकाशित करने पर धन खर्च किया, जबकि दो ने ऐसा नहीं किया।