केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में रविवार को शामिल किए गए 21 मंत्रियों में से 8 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह जानकारी चुनाव पर निगरानी रखने वाले एनजीओ नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में दी गई है।
एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने चुनाव आयोग को दिए गए इन मंत्रियों के स्वघोषित हलफनामों की समीक्षा की। इसमें पता चला कि नए मंत्रियों में चार के खिलाफ हत्या की कोशिश, सांप्रदायिक वैमनस्य और चुनावी नियमों की अवहेलना के गंभीर मामले दर्ज हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगरा से भाजपा सांसद डा. रामशंकर कठेरिया ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ हत्या का प्रयास से संबंधित एक मामले और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का एक मामला दर्ज होने की बात कही है।
इसके अलावा बिहार के नवादा से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने अपने खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ के तहत चुनाव को प्रभावित करने का एक मामला दर्ज होने की जानकारी दी है।
नए मंत्रियों की संपत्ति का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यसभा से टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी ने 189.69 करोड़ की संपत्ति का जिक्र किया है जबकि हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने 55.67 करोड़ और गौतमबुद्ध नगर से सांसद महेश शर्मा ने 47.37 करोड़ की संपत्ति होने की बात कही है।
रविवार को शपथ लेने वाली एकमात्र महिला मंत्री और फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के पास 37.63 लाख रुपये की संपत्ति है।
नए मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता पर रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत ने हावर्ड बिजनेस स्कूल बोस्टन अमेरिका से 1992 में एमबीए(विशिष्टता) के साथ पूरा किया था। जबकि कठेरिया डॉक्टरेट और बिहार के सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी अर्थशास्त्र में एमए हैं।
