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एक सर्वे में सामने आया है कि गुजरात में मतदाता वोट देते समय सबसे ज्यादा महत्व उम्मीदवार की जाति और धर्म को देते हैं। ये जानकारी चुनाव और राजनीतिक दलों पर अध्ययन करने वाले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के ताजा अध्ययन से सामने आई है। एस सर्वे में देश की 527 लोक सभा क्षेत्रों के दो लाख 70 हजार लोग शामिल हुए थे। ये सर्वे इसी साल जनवरी में अप्रैल के बीच हुआ था । ये सर्वे मतदाताओं की प्राशमिकता समझने के लिए किया गया था। ये आकड़े सोमवार को जारी किए गए है। 

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सर्वे में कहा गया है कि सबसे पहले तो गुजरात के मतदाता प्रत्याशी की जाति और धर्म को सबसे पहले देखते है उसी के आधार पर वो अपना वोट देते है। इसके बाद वो लोक सभा चुनाव  में प्रधआनमंत्रई पद के उम्मीदवार को और विधआन सभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को अहमियत देते है। एडीआर के इस सर्वे में वोट देने के लिए महत्वपूर्ण होने के मामले में गुजरात के लोगों ने जाति धर्म को 10 में से 8.27 अंक दिए है। इसके उलट प्रत्याक्षी को केवल 4.58 अंक ही दिए है। 

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इस सर्वे में ये बात भी सांमने आई की चुनाव से पहले पार्टियों द्वारा दिए गए उपहार लोगों के लिए अहम प्रेरक है। इस सर्वे में 61% गुजराती शामिल थे उनमें से मात्र 29 % लोगों को ही ये पता है कि ये गैर कानूनी है। एडीआर के प्रमुख मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अनिल वर्मा ने मीडिया को बताया कि 73 % लोगों ने कहा कि जिस प्रत्याक्षी का आपराधिक पृष्ठभूमि है, उन्हें वोट नहीं देना चाहिए। करीब 80%  लोगों ऐसे उम्मूदवार को वोट देने के लिए तैयार थे। लोगों का मानना है कि उन उम्मीदवारों पर लगे आरोप गंभीर नहीं थे। बाकी जो 73 % लोग है वो उन्हें इसलिए वोट देते है क्योकि वो उनकी जाती और धर्म के है। बचे 70% को लगता है कि उस उम्मीदवार ने अच्छा काम किया था।