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यदि इलेक्शन कमिशन की प्लानिंग कामयाब रही तो आने वाले लोकसभा चुनाव + तक हर वोटर अपने स्मार्टफोन के साथ भ्रष्टचार के खिलाफ 'पुलिस' की भूमिका में नजर आएगा। चुनाव आयोग की टीम एक मोबाइल ऐप्लिकेशन पर काम कर रही है। इस प्रॉजेक्ट का नाम है 'ई-नेत्र'। यदि कोई नेता अपने क्षेत्र में आचार संहिता का उल्लंघन (कैश या शराब बांटना या भड़काने वाले भाषण देना ) करता है तो इस ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति उस नेता की शिकायत कर सकता है। इसके साथ उसे सबूत के तौर पर उसकी तस्वीर या विडियो भी अपलोड करनी होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने हमारे सहयोगी इकॉनमिक टाइम्स को दिए खास इंटरव्यू में यह जानकारी दी। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, 'हमारे आईटी डिपार्टमेंट ने अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक ऐप्लिकेशन तैयार की है। इस ऐप को पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर आने वाले चार राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम) के चुनाव में प्रयोग किया जाएगा।' उन्होंने बताया कि कर्नाटक चुनाव के दौरान बेंगलुरु म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने चुनाव आयोग के लिए ऐसी ऐप्लिकेशन तैयार की थी, लेकिन यह चुनाव के कुछ समय पहले ही आ पाई। चुनाव तक इस ऐप को सिर्फ 800 लोगों ने डाउनलोड किया था। एक महीने के भीतर चुनाव आयोग नई ऐप्लिकेशन लॉन्च करने वाला है।' 


रावत ने भरोया जताया कि लाखों लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुनाव आयोग की मदद करेंगे। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति उस वाकये की चुपचाप विडियो बना सकता है और सब्मिट कर सकता है। बगैर विडियो के भी शिकायत की जा सकती है, लेकिन चुनाव आयोग को उसके लिए पर्याप्त सबूतों की जरूरत होगी।