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देश भर के विधायकों की औसत वार्षिक आय 24.59 लाख रुपये है। वहीं गुजरात के अनपढ़ या स्कूली शिक्षा प्राप्त विधायक स्नातक या उच्च डिग्रीधारी विधायकों से कहीं ज्यादा कमाते हैं। सोमवार को जारी एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। इसमें सबसे दिलचस्प आंकड़ा यह है कि आठवीं पास नेताओं की औसत सालाना आय करीब 90 लाख रुपये है।  चुनाव सुधार के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वाच ने यह रिपोर्ट तैयार की और प्रकाशित किया। 

इस रिपोर्ट के अनुसार, स्नातक किये हुये 63 विधायकों की औसत सालाना आय 14.37 लाख रुपये है। इस रिपोर्ट में विधायकों की वार्षिक आय, पेशा और शैक्षणिक योग्यता के बारे में ब्यौरा दिया गया है। 

कर्नाटक के विधायकों की वार्षिक आय सबसे ज्यादा, छत्तीसगढ़ में कम 

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अमीर विधायकों की सूची में कर्नाटक सबसे ऊपर पर है। यहां 203 विधायकों की औसत सालाना आय 1 करोड़ 11 लाख रुपये है। इसके विपरीत छत्तीसगढ़ के 63 विधायकों की औसत सालाना आय 5.4 लाख रुपये है। वहीं गुजरात के कुल 182 विधायकों में से 161 की औसत वार्षिक आय 18.80 लाख रुपये है।

क्षेत्रवार देखें तो पूर्वी क्षेत्र के 614 विधायकों की आय सबसे कम 8.5 लाख, जबकि दक्षिणी राज्यों के 711 विधायकों की सालाना कमाई 51.99 लाख रुपये है। 

पुरुष विधायक महिला विधायकों से ज्यादा कमाते हैं

रिपोर्ट में विधायकों के बीच लैंगिक अंतर को भी दर्शाया गया है। पुरुष विधायकों की आय महिला विधायकों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। इसमें यह भी पाया गया है कि खुद को अशिक्षित घोषित करने वाले विधायकों की औसत वार्षिक आय 9.31 लाख है। आधे विधायकों ने अपना पेशा कारोबार या कृषि घोषित किया है। 

चुनाव सुधार की वकालत करने वाले समूह ने देश भर के 4,086 वर्तमान विधायकों में से 3145 द्वारा शपथपत्र में कई गई घोषणा का विश्लेषण किया है। 941 ने अपनी आय की घोषणा नहीं की है। उन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है।

शिक्षित विधायक ज्यादा पढ़े लिखे विधायकों की तुलना में ज्यादा अमीर

एडीआर ने अपने शोध में पाया है कि देश के कम शिक्षित विधायक ज्यादा पढ़े लिखे विधायकों की तुलना में ज्यादा अमीर हैं। जानकारी के मुताबिक 1052 विधायक जिनकी औपचारिक शिक्षा बारहवीं तक ही है, उनकी वार्षिक आय 31 लाख रुपये प्रतिवर्ष है जबकि ग्रेजुएट या उससे अधिक पढ़े-लिखे विधायकों की वार्षिक आय 21 लाख रुपये से भी कम है। जिन विधायकों ने अपने हलफनामों में खुद को बिल्कुल निरक्षर बताया है, उनकी वार्षिक आय 9.31 लाख रुपये ही है। कुल विधायकों के महज आठ फीसदी विधायक ही महिलाएं हैं। अगर वार्षिक आय की बात करें तो पुरुष विधायकों की आय 25.85 लाख रुपये है जबकि महिलाओं की वार्षिक आय 10.53 लाख रुपये ही है।