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मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार आपराधिक प्रवृत्ति के ज्यादा उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीते हैं। इस बार चुन कर आए नए 230 में से 94 विधायक ऐसे है जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं।इनमें कांग्रेस के 56 तो बीजेपी के 34 विधायक शामिल हैं।  यह दावा शुक्रवार को प्रकाशित एडीआर की रिपोर्ट में किया गया है।बताते चले कि पिछली बार की तुलना में यह आकंड़ा बढ़ा है।

मध्यप्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार इस बार पिछले चुनाव यानी वर्ष 2013 के मुकाबले आपराधिक प्रवृत्ति के ज्यादा विधायक चुनकर आए हैं। 230 निर्वाचित सदस्यों में से 94 यानी 41 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले हैं। इनमें से 47 यानी 20 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामला है। इस बार के निर्वाचित सदस्यों में आपराधिक प्रवृत्ति के सदस्यों की संख्या कहीं ज्यादा है। वर्ष 2013 में निर्वाचित सदस्यों में से 73 यानी 32 प्रतिशत ऐसे थे, जिन पर आपराधिक मामले थे। इसमें गंभीर अपराधों में लिप्त सदस्यों की संख्या 45 यानी 19 प्रतिशत थी। 

एडीआर का अध्ययन बताता है कि निर्वाचित सदस्यों में छह तो ऐसे हैं, जिन पर हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज है। कांग्रेस के निर्वाचित 114 सदस्यों में 56 ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले हैं, वहीं बीजेपी के निर्वाचित 109 सदस्यों में 34 के खिलाफ मामले दर्ज हैं। एक तरफ राज्य में पिछले चुनाव से ज्यादा आपराधिक मामलों में लिप्त सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं, वहीं करोड़पति सदस्यों की संख्या भी बढ़ गई है। इस बार 187 सदस्य ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति करोड़ों में है। पिछले चुनाव में यह संख्या 161 थी। कांग्रेस के विधायकों में 91 और बीजेपी के 90 सदस्य करोड़पति हैं।