आपको जानकार हैरानी होगी कि 70 सीटों वाली विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में इस बार ऐसे प्रत्याशियों की संख्या दोगुनी हो गई है.
2012 में 28 ऐसे प्रत्याशी थे जिनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज थे जबकि इस बार यह संख्या 54 हो गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं.
जिस राज्य की जनता बिजली, पानी और सड़क जैसी समस्याओं से जूझ रही है वहां करोड़पति उम्मीदवार हर पार्टी के पास हैं. उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद इस राज्य के बारे एक कहावत मशहूर है कि पहाड़ का पानी और जवानी कभी उसके काम नहीं आते हैं.
हर चुनाव में वादे तो खूब किए जाते हैं. कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें बन चुकी हैं लेकिन सच्चाई है कि राजनीतिक अस्थिरता का शिकार रहे इस प्रदेश की जनता नेता हमेशा बेवफा ही साबित हुए.
10 ऐसे प्रत्याशी जिनके ऊपर दर्ज हैं सबसे ज्यादा अपराधिक मुकदमे
सबसे ज्यादा पैसेवाले उम्मीदवार