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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर अहम फैसला दिया कि राजनीतिक दलों को चुनाव से पूर्व आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार के चयन का कारण बताना होगा। उत्तराखंड की चुनावी सियासत के लिहाज से सर्वोच्च अदालत का यह निर्णय काफी अहम माना जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड की विधानसभा में 22 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें से चार तो त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर हैं। 

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में सबसे अधिक एक दर्जन आपराधिक मामले में विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय पर दर्ज थे। इनमें कुछ मामले संगीन धाराओं में दर्ज हैं। साफ है कि आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को चुनाव में उतारने के मामले में प्रदेश के राजनीतिक दल भी पीछे नहीं हैं।  

कानून व्यवस्था के मामले में खासा शांत माने जाने वाले इस पर्वतीय राज्य में मुख्य राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य सियासी दलों ने ऐसे चेहरों को भी मैदान में उतारा जिन पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज थे। इसकी तस्दीक गैरसरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर)की रिपोर्ट से होती है। 

आपराधिक मामले बहुत गंभीर प्रकृति वाले नहीं

रिपोर्ट के अनुसार, 2012 से 2017 के चुनावों में उत्तराखंड में दागी प्रत्याशियों की संख्या दोगुनी हो गई। 2012 के विधानसभा में 28 दागी प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। 2017 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या बढ़कर 54 हो गई।

हालांकि यूपी, बिहार, पंजाब समेत अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तराखंड के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामले बहुत गंभीर प्रकृति वाले नहीं हैं। न ही किसी भी मामले में किसी सक्षम न्यायालय से अपराध सिद्ध हो पाया है।

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय पर सबसे ज्यादा मुकदमे
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 की विधानसभा में 22 दागी विधायकों में सबसे अधिक मुकदमे भाजपा के गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय पर हैं। इनमें तोडफोड करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने के अलावा मर्डर का मुकदमा भी शामिल है। 

22 में से 17 विधायक भाजपा के
2017 के चुनाव में जिन 22 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं, उनमें 17 विधायक भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं।
 

ये है स्थिति

तीन व अधिक आपराधिक केस वाले विधायक : अरविंद पांडेय, देशराज कर्णवाल, सहदेव सिंह पुंडीर, पूरन सिंह फर्त्याल 
दो आपराधिक केस वाले विधायक : मदन कौशिक, डॉ. हरक सिंह रावत, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदीप बतरा  
एक आपराधिक केस वाले विधायक : सुबोध उनियाल, आदेश सिंह, धनसिंह नेगी, गोपाल सिंह रावत, मनोज रावत, नवीन चंद्र दुम्का, प्रीतम सिंह, राजकुमार, राजकुमार ठुकराल, विनोद चमोली, बिशन सिंह चुफाल, यतीश्वरानंद व राम सिंह कैड़ा
सोर्स : एडीआर की रिपोर्ट 2017 विस

भाजपा राजनीतिक के अपराधीकरण के बिल्कुल खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। राजनीतिक शुचिता हमारी पार्टी के एजेंडे में सबसे ऊपर है। पार्टी खुद चाहती है कि अपराधी राजनीति में न आएं।
- डॉ. देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रमुख, भाजपा