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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों में 156 दागी हैं और इनमें से 121 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 623 में से 615 उम्मीदवारों के शपथ पत्र का विश्लेषण कर यह जानकारी दी है। विश्लेषण के मुताबिक, कुल 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।आइये पूरी खबर जानते हैं।

30 के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज

विश्लेषण से पता चला है कि इन 615 उम्मीदवारों में से 12 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं और बुलंदशहर से चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी मोहम्मद युनुस के खिलाफ रेप का मामला भी चल रहा है।वहीं, छह उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या और 30 ने हत्या के प्रयास के मामलों की जानकारी दी है।बता दें कि 10 फरवरी को पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।

31 सीटों पर तीन से अधिक दागी उम्मीदवार

पहले चरण की 58 विधानसभा सीटों में से 31 ऐसी हैं, जहां चुनाव लड़ रहे तीन या इससे अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।वहीं आगरा की खेड़ागढ़ और मेरठ की सिवालखास सीटों पर किस्मत आजमा रहे छह-छह उम्मीदवारों, हापुड़ की ढोलाना, गाजियाबाद की लोनी, शामली की थाना भवन और मेरठ विधानसभा सीट पर उतरे पांच-पांच उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।दागी उम्मीदवारों को टिकट देने में कोई भी बड़ी पार्टी पीछे नहीं रही है।

समाजवादी पार्टी ने दिए सबसे ज्यादा दागियों को टिकट

अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के पहले चरण में उतारे गए करीब 75 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ मामले दर्ज हैं।सपा के 28 में 21, राष्ट्रीय लोकदल के 29 में से 17 (59 प्रतिशत), भाजपा के 57 में से 29 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 में से 21 (36 प्रतिशत), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 56 में से 19 (34 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी के 52 में से आठ (15 प्रतिशत) उम्मीदवार दागी हैं।

इतने उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर मामले

विश्लेषण में पता चला है कि सपा के 17, राष्ट्रीय लोकदल के 15, भाजपा के 22, कांग्रेस के 11, बसपा के 16 और आम आदमी पार्टी के पांच उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

46 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति

जिन उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 280 (46 प्रतिशत) करोड़पति हैं।भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल के लगभग 97 प्रतिशत उम्मीदवारों ने करोड़पति होने की जानकारी दी है। पहले चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.72 करोड़ हैं।पहले चरण में सभी पार्टियों ने कुल 12 प्रतिशत महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कुल उम्मीदवारों में से 15 निरक्षर हैं और 12 ने अपनी शैक्षणिक योग्यता नहीं बताई है।

उत्तर प्रदेश में कब होंगे चुनाव?

चुनाव आयोग की ओर से घोषित किए गए कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे।इसके तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे।इसके बाद उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों की मतगणना 10 मार्च को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे।राज्य में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई प्रमुख दल मैदान में हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं। 2017 में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने 324 सीटें जीती थीं और राज्य में सरकार बनाई थी।समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 54 सीटें जीती थीं। इनमें से सपा ने 47 और कांग्रेस ने सात सीटें जीती थीं। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी।चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे