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Source
The Netizen News
Date
City
Lucknow

उप्र विधानसभा चुनाव में जीते विधायकों में से 51 प्रतिशत पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं अब हाल ही में स्थानीय प्राधिकारी सीटों से चुनाव जीतकर विधान परिषद के सदस्य बनें एमएलसी पर भी अपराधिक मामले दर्ज हैं। हैरानी की बात चुनाव जीतकर विधान परिषद पहुंचे सभी एमएलसी करोडपति हैं। इनमें से लखपति तो कोई है नहींं।

बता दें कि उप्र में विधान परिषद स्थानीय प्राधिकारी सीटों के की 36 खाली सीटों के लिए गत माह अप्रैल में चुनाव हुए थे। जिसमें चुनाव में जीत हासिल करने वाले 36 सदस्यों यानी एमएलसी में से सभी करोड़पति की श्रेणी में हैं।

इन 36 एमएलसी विधायकों की औसत संपत्ति 17.39 करोड़ रुपये आंकी गई है। करोडपति होने के साथ ही ये एमएलसी अपराधिक मामलों में भी विचाराधीन हैं। जीतकर विधान परिषद पहुंचे नवनिर्वाचित एमएलसी में से आधे से अधिक पर आपराधिक मामलें दर्ज हैं। जिनकी थानों में विवेचना जारी है।

एडीआर संस्था जो कि चुनाव सुधार पर शोध करती है। उसने अपनी रिपोर्ट जारी की है। एडीआर की इस जारी रिपोर्ट के अनुसार उप्र विधान परिषद की 35 सीटों पर हुए चुनाव में निर्वाचित हुए 36 एमएलसी में से 14 यानी 40 प्रतिशत पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 26 प्रतिशत यानी 9 नए एमएलसी के खिलाफ गंभीर मामले थानों और प्रदेश की विभिन्न अदालतों में विचाराधीन और लंबित हैं।

तीन के खिलाफ तो हत्या जैसे जघन्य मामले दर्ज हैं जबकि चार एमएलसी के ऊपर हत्या के प्रयास का मामला कोर्ट में लंबित है। संस्था एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसके द्वारा जारी की गई रिपोर्ट उन 35 एमएलसी के हलफनामों पर आधारित है। जो चुनाव के दौरान नामांकन करते हुए अपने हलफनामों में लिखी थी।

इनमें भारतीय जनता पार्टी के 33 एमएलसी में 13 एमएलसी यानी 39 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि नौ एमएलसी यानी 27 प्रतिशत के खिलाफ तो गंभीर आपराधिक मामले हैं। एडीआर की रिपोर्ट की माने तो 94 फीसद अर्थात 33 एमएलसी जो कि चुनाव जीतकर विधान परिषद पहुंचे हैं करोड़पति की श्रेणी में हैं।

इन भाजपा एमएलसी में से 31 एमएलसी की घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक की है। वहीं दो अन्य निर्दलीय एमएलसी ने अपने को करोड़पति बताया है। बात शिक्षा के स्तर की करें तो नए एमएलसी में 35 में 7 यानी 20 फीसदी कक्षा आठ से लेकर 12 वीं तक ही शिक्षा प्राप्त कर सके हैं। वहीं इन 35 एमएलसी में 28 एमएलसी यानी 80 फीसदी स्नातक या इससे अधिक पढ़े हैं।