एक अध्ययन में आज दिखाया गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सिर्फ तीन राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस और जनता दल (यूनाइटेड) - को चुनावी ट्रस्टों के जरिए कॉरपोरेट चंदा प्राप्त हुआ। चुनावी सुधारों पर काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) द्वारा किये गये एक अध्ययन के मुताबिक कुल 49.5 करोड़ के ये चंदे कर विभाग के पास पंजीकृत 18 चुनावी ट्रस्टों में से सिर्फ दो द्वारा दिये गये।
एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि इन ट्रस्टों को कॉरपोरेट्स से कुल 49.52 करोड़ की रकम प्राप्त हुई और उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों को इनमें से 99.96 फीसदी रकम वितरित कर दी। राजनीतिक दलों को इस मार्ग से मिलने वाले चंदे में 2015-16 में भारी गिरावट हुई। पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह रकम 177.4 करोड़ रुपए थी।
विभिन्न चुनावी ट्रस्टों द्वारा मिले चंदे का विवरण देते हुये एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि सत्या चुनावी ट्रस्ट को 47.0015 करोड़ रुपए तो समाज चुनाव ट्रस्ट को 2.52 करोड़ रुपए वर्ष 2015-16 के दौरान मिले। इस वर्ष के दौरान 12 ट्रस्टों को जहां कोई दान प्राप्त नहीं हुआ वहीं दो अन्य ने उनको मिले योगदान का खुलासा नहीं किया। दो अन्य ट्रस्टों का पंजीकरण 31 मार्च 2016 के बाद हुआ था।