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लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण के लिए यूपी के मंगलवार को होने वाली वोटिंग में 120 प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछले चरण से इस बार अपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों में तीन फीसदी की गिरावट आई है। बड़ी पार्टियों ने भी ऐसे अपराधिक रिकार्ड वालों को खुलकर समर्थन दिया है। 

एडीआर की सोमवार को जारी तीसरे चरण की रिपोर्ट में कुल 120 में से 24 प्रत्याशियों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें से 19 उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधिक मामले भी हैं। जिनमें सबसे ऊपर रामपुर से गठबंधन प्रत्याशी आजम खां हैं, जिन पर 10 गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज है। दूसरे नंबर पर फिरोजाबाद से निर्दलीय लड़ रहे चौधरी वसीर हैं, इन पर भी 10 गंभीर मामले दर्ज हैं। तीसरे नंबर पर बरेली से निर्दलीय प्रत्याशी जावेद खां हैं जिन पर चार मामले दर्ज हैं। 

भाजपा ने 10 उम्मीदरवार मैदान में उतारे हैं जिनमें से 20 फीसदी पर अपराधिक मुकदमें हैं। सपा के 56 फीसदी, कांग्रेस के 33 फीसदी, शिवपाल यादव की प्रगतिशील पार्टी के भी 17 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज है।

हैरानी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी अब तक किसी भी चरण के प्रत्याशियों ने अपने अपराधिक रिकार्ड का ब्यौरा प्रकाशित नहीं कराया है। पार्टियों ने भी इस बारे में चुप्पी साध रखी है।

एडीआर ने तीसरे चरण की रिपोर्ट जारी की है। इसमें मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत में वोटिंग होनी है। 

पार्टियों को करोड़पति प्रत्याशियों पर भरोसा
एडीआर की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि सभी पार्टियों ने करोड़पति उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताया है। 120 में से 46 यानि 38 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं। बीजेपी, सपा-बसपा, कांग्रेस के सभी प्रत्याशी करोड़पति हैं। भाजपा के सभी प्रत्याशियों की औसत संपत्ति लगभग 17 करोड़ रुपये है। जबकि सबसे अमीर कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, इनकी औसत संपत्ति 40 करोड़ रुपये है। इसी तरह सपा के प्रत्याशियों की 31 करोड़ और बसपा के 24 करोड़ रुपये औसत संपत्ति है।
मैदान में डटे 35 निर्दलीय उम्मीदवार भी संपत्ति के मामले में पीछे नहीं हैं। इनकी औसत संपत्ति 89 लाख रुपये है।

इस चरण के सभी प्रत्याशियों में सबसे अधिक संपत्ति एटा से सपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह यादव के पास है। उन्होंने अपनी 204 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। दूसरे नंबर पर बरेली से कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन हैं, उनकी 146 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है। तीसरे नंबर पर बदायूं से कांग्रेस प्रत्याशी सलीम शेरवानी हैं जिनकी कुल संपत्ति 76 करोड़ रुपये है।

करोड़पतियों के साथ ही कई गरीब प्रत्याशी भी मैदान में हैं। इनमें सबसे कम संपत्ति संभल से भारत प्रभात पार्टी के बैनर से मैदान में उतरे राम चंद्र के पास है। उनके पास कुल 25 हजार रुपये की संपत्ति है। सबसे गरीब प्रत्याशियों में पीलीभीत से निर्दलीय कैफ रजा खां के पास मात्र 30 हजार रुपये और मुरादाबाद से निर्दलीय प्रत्याशी प्रिंस कुमार शर्मा के पास 40 हजार रुपये हैं।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार तीसरे चरण के उम्मीदवारों के पास औसत 6.71 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दूसरे चरण के प्रत्याशियों के पास औसत संपत्ति लगभग आठ करोड़ रुपये की थी। 
इन प्रत्याशियों में केवल 2.5 फीसदी यानि तीन के पास पैन कार्ड नहीं है। 

केवल 54 फीसदी स्नातक
120 में से 35 यानि 29 फीसदी उम्मीदवार पढ़े लिखे तो हैं लेकिन शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12 वीं के बीच है। 12 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो केवल साक्षर हैं। तीन प्रत्याशी अनपढ़ हैं।  जबकि 65 (54 फीसदी)प्रत्याशी ग्रेजुएट हैं।

युवा प्रत्याशी मैदान में
इस फेज के 57 प्रतिशत यानि 68 उम्मीदवार 25 से 50 वर्ष की उम्र के हैं। जबकि 46 (38 फीसदी) 51 से 80 वर्ष की उम्र के हैं। दो प्रत्याशी 80 की उम्र भी पार कर चुके हैं। तीन ने अपनी उम्र का खुलासा नहीं किया है।

13 महिलाएं भी मैदान में
120 प्रत्याशियों में 13 महिलाएं भी मैदान में हैं। इनमें रामपुर से जयाप्रदा के पास 27 करोड़ और आवलां से बसपा प्रत्याशी रुचि वीरा के पास 24 करोड़ रुपये की संपत्ति है।