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नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा सरहद पार किये गए एयर स्ट्राइक को लेकर भले ही राजनैतिक दलों में बहस छिड़ी हो लेकिन देश में पुलवामा हमला या गरीबी से भी बड़ा मुद्दा बेरोज़गारी है।

लोकसभा चुनाव से पहले एडीआर के एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि इस समय पुलवामा या गरीबी नहीं बल्कि रोज़गार एक बड़ा मुद्दा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक राष्ट्रीय सर्वे किया है। यह सर्वे 31 मुद्दों पर देश की 534 लोकसभा सीटों के 2.73 लाख मतदाताओं पर किया गया है। यह सर्वे अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच कराया गया था।

सर्वेक्षण के मुताबिक करीब पौने तीन लाख लोगों के बीच किए गए सर्वे में मतदाता से पूछा गया कि आपके लिए सबसे बड़ा मुद्दा कौन सा है। लोगों ने प्राथमिकता के अनुसार इन मुद्दों को चुना। इसमें सर्वाधिक लोगों ने रोज़गार को पहली ज़रूरत माना है।

सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 46.80% लोगों ने रोजगार को बड़ा मुद्दा बताया है। वहीँ 34.60% लोगों ने स्वास्थ्य सेवाएं, 30.50% लोगों ने पेयजल, 28.34% लोगों ने अच्छी सड़कें, 27.35% लोगों ने अच्छा परिवहन, 26.40% लोगों ने सिंचाई के लिए पानी, 25.62% लोगों ने खेती के लिए लोन, 25.41% लोगों ने फार्म उत्पादों की सही कीमत, 25.06% लोगों ने बीजों-खाद कीमतों पर राहत और 23.95% लोगों ने बेहतर कानून व्यवस्था को अपनी पहली प्राथमिकता क्रम में चुना है।

सर्वे में यह स्पष्ट है कि देश के ग्रामीण इलाके हो या शहरी, दोनों ही जगहों पर रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। सबसे बड़ी मांग है। नौकरी की सबसे ज्यादा मांग शहरी इलाकों और ओबीसी वर्ग की है। शहरों के 51.60% वोटर और ओबीसी वर्ग के 50.32% वोटरों के बीच सबसे ज्यादा मांग नौकरी है। 23 से 40 उम्र वाले 47.49% मतदाता को रोजगार की जरूरत है।

सर्वे में शामिल 534 लोकसभा सीट के मतदाताओं की दूसरी सबसे बड़ी मांग है सही सेहत और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं। देश के 34.60% मतदाता इसे बेहद जरूरी मानते हैं। शहरी इलाकों के 39.41% लोगों ने इसे बेहद जरूरी माना है।

सर्वे में सामने आया है कि रोजगार के लिए 48.05% पुरुष और 46.61% महिलाएं एक समान सोचती हैं। अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महिलाओं की संख्या पुरुषों के आगे हैं।