17वीं लोकसभा के लिए चुनकर संसद पहुंचने वाले 542 सांसदों में से 233 यानि 43 फीसदी सांसद दागी छवि के हैं। 2009, 2014 व 2019 के आमचुनाव में जीते आपराधिक मामलों में शामिल सांसदों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चुनाव विश्लेषण संस्था एडीआर ने शनिवार को लोकसभा चुनाव परिणाम संबंधी अध्ययन रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट की मुख्य बातें :
43 % सांसदों पर केस : 542 सांसदों में से 233 यानि 43 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। हलफनामों के हिसाब से 159 यानि 29 प्रतिशत सांसदों के खिलाफ हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर मामले लंबित है।
116 निर्वाचित भाजपायी सांसद दागी : भाजपा के 303 में से 301 सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण में पाया गया कि साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित 116 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं।
कांग्रेसी सांसद कुरियाकोस पर 204 मुकदमे : 204 लंबित मामलों वाले केरल से नवनिर्वाचित कांग्रेसी सांसद डीन कुरियाकोस हैं सूची में प्रथम। कांग्रेस के 52 में से 29 सांसद आपराधिक मामलों में घिरे हैं
सभी प्रमुख दलों में हैं दागी सांसद : सत्तारूढ़ राजद के घटक दल लोजपा के सभी छह निर्वाचित सदस्यों, बसपा के आधे (10 में से 5), जदयू के 16 में से 13, तृणमूल कांग्रेस के 22 में से नौ और माकपा के तीन में से दो सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। इस मामले में बीजद के 12 निर्वाचित सांसदों में सिर्फ एक सदस्य ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की हलफनामे में घोषणा की है।
बिहार और बंगाल के सबसे ज्यादा सांसदों पर मामले : आपराधिक मामलों में फंसे सर्वाधिक सांसद केरल और बिहार से चुन कर आए। केरल से निर्वाचित 90 फीसदी, बिहार से 82 फीसदी, पश्चिम बंगाल से 55 फीसदी, उत्तर प्रदेश से 56 और महाराष्ट्र से 58 प्रतिशत सांसदों पर केस लंबित। वहीं सबसे कम नौ प्रतिशत सांसद छत्तीसगढ़ के और 15 प्रतिशत गुजरात के हैं।
16वीं लोकसभा में थे 34 % दागी : 2014 के चुनाव में निर्वाचित ऐसे सांसदों की संख्या 185 (34 प्रतिशत) थी, 112 सांसदों पर चल रहे थे गंभीर केस
88 प्रतिशत सांसद करोड़पति : इस बार की लोकसभा में 88 प्रतिशत नवनिर्वाचित सांसद करोड़पति हैं। 2009 में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत था। रिपोर्ट के मुताबिक 17वीं लोकसभा के लिये चुने गये सांसदों की औसत संपत्ति की कुल कीमत 20.93 करोड़ रुपये आंकी गयी है। भाजपा के 88 प्रतिशत, कांग्रेस के 84 प्रतिशत, द्रमुक के 96 प्रतिशत और तृणमूल कांग्रेस के 91 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार सांसद बनने में कामयाब रहे। इनके अलावा भाजपा के सहयोगी दल लोजपा और शिवसेना के सभी सांसद करोड़पति है। शत प्रतिशत करोड़पति सांसदों वाले दलों में सपा, बसपा, तेदेपा, टीआरएस, आप, एआईएमआईएम और नेशनल कांफ्रेंस भी शामिल हैं।
एक साक्षर, एक निरक्षर सांसद भी : 17वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों में 24 प्रतिशत (128) सदस्य 12वीं तक पढ़े हैं, जबकि 392 (73 प्रतिशत) सदस्य स्नातक हैं। एक सदस्य ने खुद को महज साक्षर तो एक अन्य ने खुद को निरक्षर बताया है।
36 प्रतिशत सांसद युवा : नए सदस्यों में 194 (36 प्रतिशत) की उम्र 25 से 50 साल है। वहीं 343 (64 प्रतिशत) सदस्य 51 से 80 साल की उम्र के हैं। दो सदस्य 80 साल से अधिक उम्र के हैं।