उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 53 में से 22 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 20 ऐसे मंत्री हैं, जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर (उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच) ने योगी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा, लिंग और अन्य विवरणों के आधार पर विश्लेषण पेश किया है। जिसमें कहा गया है कि 53 में से 45 मंत्रियों का विश्लेषण है। जिसमें 49 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
मयंकेश्वर शरण सिंह सबसे ज्यादा संपत्ति वाले मंत्री
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपई इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ समेत कुल 53 नेताओं ने शपथ ग्रहण की है। एडीआर के इस विश्लेषण में पाया गया है कि 45 मंत्रियों में 39 (87 प्रतिशत) ऐसे हैं, जो करोड़पति हैं। वहीं, इन मंत्रियों की औसतन सम्पत्ति 9 करोड़ रुपये है। सबसे ज्यादा सम्पत्ति तिलोई के विधायक और अब यूपी सरकार में मंत्री बने मयंकेश्वर शरण सिंह की है। जिन्होंने अपनी सम्पत्ति 58.07 करोड़ घोषित की है। वहीं, सबसे कम संपत्ति विधान परिषद के सदस्य धर्मवीर सिंह प्रजापति की है। उन्होंने अपनी संपत्ति 42.91 लाख घोषित की है। इसके साथ ही 9 ऐसे मंत्री हैं, जिनकी शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच घोषित है। जबकि 36 (80 प्रतिशत) ऐसे मंत्री हैं, जिनकी योग्यता स्नातक या इससे अधिक है।
लखनऊ के ये दो बड़े चेहरे कैबिनेट से बाहर
बता दें कि योगी सरकार 2.0 से लखनऊ के 2 बड़े चेहरे वर्तमान सरकार से बाहर हो गए हैं। ये नाम ऐसे हैं, जिनको लेकर पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं, वह खुद आश्चर्य में हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम उपमुख्यमंत्री रहे डॉ.दिनेश शर्मा और दूसरा नगर विकास मंत्री रहे आशुतोष टण्डन का है। इनके कैबिनेट से बाहर होने पर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी जा सकती है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि आशुतोष टण्डन पहले संगठन में थे। उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।