Source: 
Author: 
Date: 
18.12.2020
City: 

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान पांच सियासी दलों को करीब 50 करोड़ रुपए का चंदा मिला जबकि मीडिया में विज्ञापन पर 22 करोड़ रुपए समेत कुल 34.32 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दी है।

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एडीआर ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों ने मीडिया में विज्ञापन देने पर सबसे ज्यादा 22.72 करोड़ रुपए खर्च किए। प्रचार सामग्री पर 8.05 करोड़ रुपए और जनसभाओं पर 28 लाख रुपए खर्च किए गए। एडीआर ने कहा कि दलों ने यात्रा पर कुल खर्च का 51.91 फीसदी या 68,000 रुपये स्टार प्रचारकों पर और 63,000 रुपए अन्य नेताओं पर खर्च किए।

सबसे ज्यादा खर्च विज्ञापन पर किया गया

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एडीआर ने बृहस्पतिवार को जारी अपने एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों ने मीडिया में विज्ञापन देने पर सबसे ज्यादा , 22.72 करोड़ रुपये खर्च किए। प्रचार सामग्री पर 8.05 करोड़ रुपये और जनसभाओं पर 28 लाख रुपये खर्च किए गए।

5 दलों ने देर से ही सही, ब्यौरा दिया

एडीआर ने कहा कि पांच राजनीतिक दलों-माकपा, बसपा, आप, लोजपा और कांग्रेस ने क्रमश: 79 दिनों, 138 दिनों, 138 दिनों, 145 दिनों और 162 दिनों की देरी पर खर्च संबंधी विवरण मुहैया कराए। चुनाव लड़ने के बावजूद लोजपा ने कहा कि खर्च नहीं हुआ। खर्च नहीं होने के बावजूद ब्यौरा देने में 145 दिन की देरी से जानकारी मुहैया करायी गयी।

इन दलों ने नहीं दिया है ब्यौरा

एडीआर ने कहा कि दलों ने यात्रा पर कुल खर्च का 51.91 प्रतिशत या 68,000 रुपये स्टार प्रचारकों पर और 63,000 रुपये अन्य नेताओं पर खर्च किए। चुनाव हुए 230 से ज्यादा दिन हो चुके हैं, इसके बावजूद भाजपा, राकांपा, भाकपा, जद(यू), राजद, रालोद, एसएचएस और एआईएफबी द्वारा किए गए खर्च के बारे में जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है।

खर्च का ब्यौरा देना हो जरूरी, नहीं तो लगाया जाए जुर्माना
एडीआर ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों के लिए तय समय सीमा में निर्वाचन आयोग के पास उचित प्रारूप में खर्च का विवरण मुहैया कराने को जरूरी बनाना चाहिए और समय पर विवरण मुहैया नहीं कराने वाली पार्टियों पर जुर्माना लगाना चाहिए। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए फरवरी में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि आठ सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी।

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method