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Author
गिरधारी लाल जोशी
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बिहार विधानसभा के हो रहे चुनाव के पहले चरण में 74 सीटों पर मतदान 28 अक्तूबर को है। इसमें चुनाव मैदान में खड़े कुल 1065 उम्मीदवारों में 153 प्रत्याशी करोड़पति है। बाहुबली की संख्या भी कम नहीं है। मगर यह भी सच है कि सभी करोड़पति बाहुबलि नहीं है। यह जानकारी इन उम्मीदवारों ने अपने नामांकन के साथ दाखिल शपथपत्र से मिली है।

शपथपत्र के मुताबिक घोषित उम्मीदवारों में 60 फीसदी करोड़पति प्रत्याशी भाजपा-जदयू-हम-वीआईपी पार्टी के है। इसी तरह 58 फीसदी उम्मीदवार महागठबंधन से जुड़े राजद-कांग्रेस-वाम दलों के है। इतना ही नहीं जदयू के 69 निवर्तमान विधायक उम्मीदवारों में से 51, भाजपा के 54 में 33 , राजद के 80 निवर्तमान एमएलए प्रत्याशियों में 51 और कांग्रेस के 25 में से 17 निवर्तमान विधायक उम्मीदवार करोड़पति है। निवर्तमान विधानसभा में दो ही विधायक लोजपा के है और दोनों करोड़पति है।

वहीं औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम के इकलौते विधायक की हैसियत भी करोड़ से ज्यादा की है। बताते है कि मैदान में उतरे 153 करोड़पति उम्मीदवारों की हैसियत एक करोड़ से 53 करोड़ रुपए के बीच है। यह तो घोषित है। भागलपुर के कहलगांव से भाजपा उम्मीदवार पवन यादव पौने चार करोड़ रुपए से ज्यादा के मालिक है। इन पर पांच मामले भी दर्ज है।

तो यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह के लाडले इंजीनियर शुभानन्द मुकेश भी पहली दफा चुनाव लड़ रहे है। इनकी नकद व जायदाद भी साढ़े चार करोड़ रुपए से ज्यादा है। ये टाटा स्टील में एजीएम के पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ रहे है।इन पर एक भी मुकदमा नहीं है।

सुलतानगंज से कांग्रेस उम्मीदवार ललन कुमार की जायदाद भी करोड़ों में है। और इनपर दस मामले दर्ज है। वहीं भागलपुर डिवीजन के बांका ज़िले के बेलहर से लोजपा टिकट पर चुनाव लड़ रही कुमारी अर्चना उर्फ बेबी यादव भी बैंक और नकद मिलाकर सवा छह करोड़ रुपए से ज्यादा संपत्ति की मालकिन है।

वहीं बांका से लोजपा उम्मीदवार मीना देवी के नाम भी साढ़े दस करोड़ रुपए की जायदाद है। बांका क्षेत्र से ही चुनाव लड़ रहे आरएलएसपी उम्मीदवार कौशल कुमार सिंह के शपथ पत्र में भी अपने को साढ़े दस करोड़ रुपए से अधिक नकद व संपति का मालिक दर्शाया गया है। मुंगेर के तारापुर क्षेत्र से जदयू टिकट पर लड़ रहे मेवालाल चौधरी 11 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति के मालिक है।

ये निवर्तमान जदयू के विधायक है। और भागलपुर सबौर की बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके है। वहीं आरा संसदीय क्षेत्र की संदेश विधानसभा सीट से राजद उम्मीदवार किरण देवी दस करोड़ रुपए से ज्यादा की मालकिन है। काराकाट लोकसभा इलाके की डिहरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे राजद उम्मीदवार फतेह बहादुर सिंह के पास भी 12 करोड़ रुपए की नकद व जायदाद है।

जदयू की एमएलसी मनोरमा देवी करीबन 53 करोड़ रुपए की नकद व संपति की मालकिन है। ये जदयू की टिकट पर गया ज़िले की अतरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही है। यह गया के कुख्यात बिंदी यादव की पत्नी है। इनके पुत्र रोड रेज हत्या के मामले में उम्र कैद की जेल में सजा काट रहे है।

औरंगाबाद जिले की कुटुंबा सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजेश कुमार की हैसियत भी साढ़े तैतीस करोड़ रुपए से ज्यादा की है। इन्होंने भी अपनी जायदाद का व्योरा शपथपत्र में दिया है। जदयू के ही नवादा से उम्मीदवार कौशल यादव की चल-अचल संपत्ति 26.13 करोड़ रुपए बताई गई है। इनके मुकाबले में चुनाव लड़ रही राजद उम्मीदवार विभा देवी की भी संपति 22 करोड़ 47 लाख रुपए है।

इसमें इनके पति राजबल्लभ प्रसाद यादव की भी चल-अचल संपत्ति जुड़ी है। ये नाबालिक से दुष्कर्म मामले में जेल में सजा काट रहे है। और ये निवर्तमान राजद के विधायक है। राजद के टिकट पर मोकामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार और इनकी पत्नी नीलम देवी की मिलाकर चल-अचल संपत्ति 2015 में जहां 28 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 68.55 करोड़ रुपए हो चुकी है।