योगी कैबिनेट इस समय देश के कई राज्यों की तरह ही सबसे ज्यादा योग्य एवं पढ़ी लिखी कैबिनेट में शुमार है। कैबिनेट में 45 में से 18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट हैं, 9 मंत्री आठ से 12 तक की पढ़ाई वाले हैं, 8 ग्रेजुएट और 2 डॉक्टर हैं। लेकिन योगी को उनके माननीय ही चुनौती देते दिख रहे हैं, क्योंकि कैबिनेट में दागी भी हैं। मंत्रीमंडल के 22 यानी (49 फीसदी) मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 20 (44 फीसदी) पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं।
53 मंत्रियों में से 45 मंत्रियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण
इन मंत्रियों में 39 (87 प्रतिशत) करोड़पति हैं। इनकी औसत संपत्ति नौ करोड़ रुपये है। यह खुलासा करते हुए शनिवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक कुल 53 मंत्रियों में से 45 मंत्रियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण ही हो सका है, क्योंकि जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जसवंत सैनी और दानिश आजाद अंसारी किसी भी सदन, राज्य विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनका विवरण न होने का कारण विश्लेषण नहीं किया जा सका।
नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर सबसे ज्यादा मामले
एडीआर ने इन मंत्रियों द्वारा 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए दिए गए हलफनामों का आकलन किया है। इसके अनुसार जिन 22 मंत्रियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले और जिन 20 मंत्रियों ने गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी है। उसमें सबसे अधिक मामले प्रयागराज से जीतकर आए नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हैं। उन पर कुल सात आपराधिक मामले हैं इसमें 13 गंभीर किस्म की धाराओं में हैं।
इसी क्रम में अगला नाम सिराथू से पराजित किंतु कैबिनेट में स्थान बनाए रखने वाले केशव प्रसाद मौर्य का है, उन पर भी सात मामले हैं और सभी गंभीर आपराधिक धाराओं में। अगला नाम मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल का है। अग्रवाल पर कुल सात मामले हैं, इसमें चार गंभीर धाराओं में हैं। इसमें अगला नंबर कानपुर देहात से जीत कर आए राकेश सचान का है, इन पर छह मामले हैं और सभी गंभीर किस्म के आपराधिक मामले हैं, इनके बाद मेरठ के हस्तिनापुर से दिनेश पर चार आपराधिक और एक गंभीर किस्म की धाराओं में मामला दर्ज है। इसी तरह से बाकि अन्य पर भी आपराधिक और गंभीर किस्म के आपराधिक मामले हैं।
45 में से 39 मंत्री करोड़पति
अब बात करोड़पतियों की करें तो 45 में से 39 मंत्री करोड़पति हैं। उनकी औसतन संपत्ति नौ करोड़ रुपये है। सबसे अधिक अमीर तिलोई से विधायक और मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह हैं। उन्होंने 58.07 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की है। जबकि विधान परिषद से चुने गए धर्मवीर ने सबसे कम 42.91 लाख की संपत्ति की घोषणा की है। जहां तक सवाल देनदारियों का है तो इसमें राकेश सचान सबसे अव्वल हैं, उन पर 8.17 करोड़ की देनदारियां हैं।
18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट और दो डॉक्टर
चुने गए मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो 18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट हैं, नौ मंत्री आठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई वाले हैं, आठ ग्रेजुएट और दो डॉक्टर हैं। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पारी में योगी सरकार किस लक्ष्य का साथ आई है।