- चुनाव आयोग ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया से राजनीतिक दलों के लिए गाइडलाइन बनाने को कहा था
- फरवरी 2012 में आईसीएआई ने राजनीतिक दलों के आर्थिक मामलों में पारदर्शिता लाने के लिए गाइडलाइन तैयार की
- देश के सात राष्ट्रीय दलों की संपत्तियों में वित्त वर्ष 2017-18 में 2016-17 के मुकाबले 6% की बढ़ोतरी हुई
नई दिल्ली. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बुधवार को देश की सात प्रमुख पार्टियों द्वारा घोषित संपत्ति का लेखा-जोखा पेश किया। इसमें सामने आया कि वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में भाजपा की संपत्ति करीब 22.27% बढ़ी। 2016-17 में जहां उसकी घोषित संपत्ति 1213 करोड़ रुपए थी, वहीं एक साल में यह संख्या बढ़कर 1483 करोड़ पहुंच गई। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के अलावा सात अन्य पार्टियों की संपत्ति में भी इस दौरान कुल 6% की वृद्धि दर्ज की गई।
2017-18 में जिन पार्टियों ने अपनी संपत्ति घोषित की उनमें भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, बसपा, सीपीआई, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस शामिल हैं। 2016-17 के 3260.81 करोड़ रुपए के मुकाबले 2017-18 में इनकी कुल संपत्ति 3456.65 करोड़ रु. पहुंच गई।
कांंग्रेस के अलावा राकांपा की संपत्ति में गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान सिर्फ कांग्रेस और राकांपा ही दो पार्टी थीं, जिनकी सालाना घोषित संपत्ति में गिरावट आई। कांग्रेस की संपत्ति में 2016-17 के 854.75 करोड़ रु. के मुकाबले 2017-18 में 724.35 करोड़ रु. पहुंच गई। यह 15.26% की गिरावट थी। दूसरी तरफ एनसीपी की संपत्ति इस दौरान 11.41 करोड़ रु. से गिरकर 9.54 करोड़ रुपए पहुंच गई।
पहली बार सात दलों की संपत्ति का आंकलन हुआ
चुनाव आयोग ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया से राजनीतिक दलों की ऑडिटिंग शुरू करने के लिए गाइडलाइन तैयार करने को कहा था। इसका मकसद पूरी प्रक्रिया में एकरूपता लाना था। फरवरी 2012 में ‘गाइडेंस नोट ऑन अकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग ऑफ पॉलिटिकल पार्टीज ’या ‘अकाउंटिंग गाइडलाइंस’ तैयार की गईं। इन गाइडलाइन्स के आधार पर राजनीतिक दलों के वित्तीय घोषणापत्र, आय-खर्च, संपत्तियों और देनदारी का आकलन किया गया। पहली बार में देश की सात राष्ट्रीय दलों को शामिल किया गया।
2004-05 से 2015-16 तक के वित्तीय वर्षों का लेखा-जोखा
एडीआर ने 16 दिसंबर 2017 को घोषित की गई रिपोर्ट के आधार पर सात राष्ट्रीय दलों की चल-अचल संपत्ति का लेखा-जोखा पेश किया था। इसमें 2004-05 से 2015-16 तक के वित्तीय वर्षों का लेखा-जोखा शामिल था। दलों में भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम और टीएमसी शामिल थीं।
राजनीतिक दलों द्वारा घोषित संपत्ति का ब्यौरा
बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में 2016-17 और 2017-18 का विश्लेषण पेश किया गया। इसमें राजनीतिक दलों द्वारा घोषित संपत्ति का ब्यौरा इस प्रकार है:
- 2016-17 में सात राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित की गई कुल संपत्ति 3260.81 करोड़ रु. थी, जो 2017-18 में 6% बढ़कर 3456.65 करोड़ रु. हो गई।
- 2016-17 में भाजपा द्वारा घोषित कुल संपत्ति 1213.13 करोड़ रु. थी, जो 2017-18 में 22.27% बढ़कर 1483.35 करोड़ रु. हो गई।
- 2016-17 और 2017-18 में कांग्रेस की संपत्ति में 15.26 % की कमी (854.75 करोड़ रुपए से 724.35 करोड़ रुपए) आई, जबकि एनसीपी की संपत्ति में 16.39% की कमी (11.41 करोड़ रुपए से 9.54 करोड़ रुपए) आई। कांग्रेस और एनसीपी ऐसी दो राष्ट्रीय पार्टियां हैं, जिनकी संपत्तियों में कमी आई।
- टीएमसी की संपत्ति 2016-17 में 26.25 करोड़ रुपए से 29.10 करोड़ रुपए हुई। यहां करीब 10.86 % की बढ़ोतरी हुई।
2016-17 और 2017-18 में राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित पूंजी:
- 2017-18 में घोषित पूंजी के आधार पर भाजपा सबसे बड़ा दल। उसके पास 1461.97 करोड़ रु. की पूंजी।
- 2017-18 में बसपा के पास 714.97 करोड़ रु. और सीपीएम के पास 479.58 करोड़ रु.की संपत्ति।
- 2016-17 में सीपीआई ने सबसे कम पूंजी घोषित की, जो कि 1.43 करोड़ रु.थी। एनसीपी ने 5.86 करोड़ रु.घोषित किए।