Source: 
Author: 
Date: 
23.11.2018
City: 
  • मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- सरकार भंग होने के बाद पहले अवसर पर या 6 महीनों के भीतर चुनाव कराना जरूरी
  • दो दलों ने बुधवार को किया सरकार बनाने का दावा, कुछ वक्त बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग की
  • भाजपा ने जून में पीडीपी से समर्थन वापस लिया था, तभी से राज्यपाल शासन लागू

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने शुक्रवार को कहा कि इसपर अगले हफ्ते फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 21 नवंबर को आयोग को जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बारे में जानकारी मिली। अब इस मामले में आयोग राज्य की स्थितियों का जायजा लेगा। 

 

रावत न कहा कि अगले हफ्ते हम विधानसभा चुनाव पर योजना बनाने के लिए चर्चा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, जहां कहीं विधानसभा तय वक्त से पहले भंग की जाती है। वहां आयोग को चुनाव पहले अवसर यानी अगले लोकसभा या किसी राज्य के विधानसभा चुनाव के साथ होने चाहिए या फिर छह महीने के भीतर कराने चाहिए। आयोग के लिए तैयारी करने के लिहाज से छह महीने का वक्त पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि आयोग राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर ही चुनाव का फैसला लेगा।

 

राज्यपाल ने भंग की विधानसभा
राज्य में भाजपा द्वारा जून में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से समर्थन वापस लेने के बाद से राज्यपाल शासन लागू था। बुधवार को पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा किया, इसके 15 मिनट बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के लीडर सज्जाद लोन ने भी बहुमत होने का दावा किया था। कुछ देर बाद ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी।

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method