Skip to main content

ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीसी चाको, चौधरी बीरेंद्र सिंह, रीता बहुगुणा जोशी… ये वो बड़े नाम हैं जो लोगों को याद हैं जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसमें से अधिकांश ने बीजेपी का दामन थाम लिया। यहां सिर्फ चंद नेताओं के नाम हैं लेकिन हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की संख्या कहीं अधिक है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ समय में कांग्रेस के 170 से अधिक विधायकों ने चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ दी।

चुनाव के दौरान 170 कांग्रेस विधायकों ने छोड़ दी पार्टी

साल 2016 से 2020 के बीच 170 से अधिक कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। पोल राइट्स ग्रुप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR)के अनुसार इस दौरान हुए चुनावों के बीच कांग्रेस के 170 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इस बीच केवल 18 बीजेपी विधायकों ने चुनाव लड़ने के लिए पाला बदला।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2016-20 के बीच 405 फिर से चुनाव लड़ने वाले विधायकों में से 182 विधायकों ने बीजेपी, 38 कांग्रेस और 25 टीआरएस तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल हुए।
खट्टर का तंज- पीसी चाको ने छोड़ी पार्टी, राहुल को उत्तर भारत पर भरोसा नहीं.. कांग्रेस के अंदर ही इतना ‘अविश्वास’7 कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जिन्होंने बदल लिया पाला
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पांच लोकसभा सदस्यों ने अन्य दलों में शामिल होने के लिए बीजेपी छोड़ दी। वहीं दूसरी ओर 2016 से 20 के बीच सात राज्यसभा सांसदों ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस छोड़ दी। इस दौरान कुल 16 राज्यसभा सांसदों में से 10 भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

कांग्रेस विधायकों की पार्टी छोड़ने की संख्या अधिक है। 170 से अधिक विधायकों ने पार्टी छोड़ी। एडीआर रिपोर्ट के अनुसार गोवा, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर की सरकार विधायकों के दल- बदल के कारण गिरी।

पीसी चाको ने बताया- क्यों छोड़ी कांग्रेस, कभी विवादित बयानों से अपनी ही पार्टी के लिए बन गए थे सिरदर्दज्योतिरादित्य से लेकर पीसी चाको तक
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार पीसी चाको ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। केरल विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पीसी चाको का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। पीसी चाको ने केरल कांग्रेस और हाई कमान पर गंभीर आरोप भी लगाए। पीसी चाको से पहले भी कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने की वजह से कांग्रेस की मध्यप्रदेश में सरकार तक चली गई।

नेता पार्टी छोड़ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के भीतर भी घमासान मचा है। नाराज नेताओं का एक दल लगातार पार्टी की नीतियों पर सवाल उठा रहा है। एडीआर रिपोर्ट और यह सब बातें राहुल गांधी समेत कांग्रेस के लिए टेंशन बढ़ाने वाली है।