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Source
Lokmat News
https://www.lokmatnews.in/india/bjp-declared-assets-worth-rs-4847-cr-in-2019-20-bsp-second-at-rs-698-crore-adr-b628/
Author
Lokmat News Desk
Date
City
Lucknow

रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के पास सबसे अधिक संपत्ति है। बीजेपी के पास 4,847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसके बाद मायावती की बीएसपी के पास 698.33 करोड़ रुपये और कांग्रेस के पास 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी एक रिपोर्ट को जारी किया है। इस रिपोर्ट में सियासी दलों की संपत्ति को लेकर विवरण दिया गया है। एडीआर ने 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारियों के अपने विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।

बीजेपी के पास 4,847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति

रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के पास सबसे अधिक संपत्ति है। बीजेपी के पास 4,847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसके बाद मायावती की बीएसपी  के पास 698.33 करोड़ रुपये और कांग्रेस  के पास 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति है। पार्टियों ने स्वयं अपनी संपत्ति की जानकारी दी है।

वित्तीय वर्ष 2019- 20 के दौरान का है आंकड़ा

एडीआर के विश्लेषण की मानें तो वित्तीय वर्ष 2019- 20 के दौरान सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति क्रमशः 6,988.57 करोड़ रुपये और 2,129.38 करोड़ रुपये थी। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सात राष्ट्रीय दलों में सबसे अधिक संपत्ति भाजपा ने घोषित की थी। इसके बाद बसपा और कांग्रेस  का नंबर आता है।

क्षेत्रीय दलों में सबसे अमीर है अखिलेश की समाजवादी पार्टी

वहीं, 44 क्षेत्रीय दलों में से टॉप 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपये थी।वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी द्वारा सबसे अधिक संपत्ति 563.47 करोड़ रुपये (26.46 प्रतिशत) घोषित की गई, इसके बाद टीआरएस ने 301.47 करोड़ रुपये और अन्नाद्रमुक ने 267.61 करोड़ रुपये की घोषणा की।

दलों द्वारा घोषित फिक्स्ड डिपोजिट के रूप में कुल संपत्ति

वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति में फिक्स्ड डिपोजिट/एफडीआर के रूप में 1,639.51 करोड़ रुपये (76.99 प्रतिशत) दिखाए गए। वित्तीय वर्ष के लिए एफडीआर/फिक्स्ड डिपोजिट श्रेणी के तहत बीजेपी और बसपा ने क्रमशः 3,253.00 करोड़ रुपये और 618.86 करोड़ रुपये, जबकि कांग्रेस ने 240.90 करोड़ रुपये घोषित किए।