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चुनाव के बाकी बचे समय में शिकायतें बढ़ेंगी। इनका तेजी से निपटारा करें और दलों को इसकी सूचना भी मिले, इसका तंत्र भी विकसित किया जाए।

यह बात मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने सोमवार को प्रशासन अकादमी भोपाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा में कही। दरअसल, आयोग की फुल बेंच के सामने भाजपा और कांग्रेस ने आपत्ति उठाई थी कि उनकी शिकायतों का निराकरण नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि अब हर जिले में शिकायतों को देखने नोडल अधिकारी बनाने और व्‍हाट्सएप पर सूचना का आदान-प्रदान करने का तंत्र बनाने की तैयारी की जा रही है।

प्रदेश में अभी तक आठ हजार से ज्यादा शिकायतें हो चुकी हैं। इनमें कुछ चुनाव आयोग के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय को भेजी गईं तो कुछ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वयं निर्वाचन कार्यालय में शिकायतें दीं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि सात हजार 500 शिकायतों का समाधान हो चुका है। बाकी प्रक्रिया में हैं। राजनीतिक दलों को शिकायत का निराकरण होने के बाद पोर्टल के माध्यम से जवाब दिया जाता है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने जब शिकायतों की स्थिति पूछी तो उन्हें पूरा ब्योरा दिया गया। साथ ही यह बताया कि राजनीतिक दलों को पोर्टल पर शिकायत देने और निराकरण की जानकारी देने की व्यवस्था बनाई है। सी-विजिल पर ढाई हजार शिकायतें मिली हैं। इनमें 12 सौ सही नहीं पाई गईं और उन्हें नस्तीबद्ध करना पड़ा। अधिकांश शिकायतें संपत्ति विरूपण अधिनियम से जुड़ी हैं। इन पर कार्रवाई हो चुकी है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने शिकायतें बढ़ने और उनका निराकरण तेजी से करने के साथ जवाब देने का तंत्र बनाने के लिए कहा है। इस पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय तकनीकी आधारित वॉटसएप व्यवस्था बनाने पर विचार कर रहा है। शिकायत मिलने पर संबंधित जिले के नोडल ऑफिसर को सीधे भेजा जाएगा और वो जवाब भी इसी माध्यम से देगा। इसे राजनीतिक दलों को भेजा जाएगा, ताकि उन्हें समय पर सूचना मिल जाए।

पर्यवेक्षकों के पयर्टन पर जवाब का इंतजार

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने सवाल के जवाब में कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटन पर जाने की शिकायत मिली है। रिपोर्ट मांगी गई है, इसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि आयोग चुनाव की निष्पक्षता के मद्देनजर इस संबंध में कड़ा कदम उठा सकता है। उन्होंने मध्यप्रदेश की चुनावी तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा कि आखिरी 48 घंटे की तैयारियां चल रही हैं। उम्मीद है कि बेहतर चुनाव होगा।

ईवीएम में नहीं हो सकती टेम्परिंग

उधर, रावत ने प्रशासन अकादमी में अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में दावे से कहा कि ईवीएम में टेम्परिंग नहीं हो सकती है। यह पूरी तरह से फुल प्रूफ है। चुनाव के लिए सबसे बड़ी चुनौती फेक और पेड न्यूज को बताया।

उन्होंने कहा कि इस पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं और लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया से जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क भी किया गया है। व्याख्यान के दौरान रावत से पूछा गया कि चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा की जाने वाली धरपकड़ की कार्रवाई से आम लोगों को परेशानी होती है।

इस पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में सीजर की कार्रवाई सही निकलती है। अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लेने और उन्हें कोर्ट में चुनौती देने के मामले पर रावत ने कहा कि हमारी व्यवस्था में सभी को अपनी बात रखने का मौका मिलता है।