उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी राजनीतिक दलों ने ऐसे लोगों को जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्हें खुले दिल से टिकट बांटे तो जनता ने भी इन्हें जिताकर विधानसभा पहुंचाने में संकोच नहीं किया. उत्तर प्रदेश की नव निर्वाचित विधानसभा में आधे से ज्यादा विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. यूपी इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है. नवनिर्वाचित विधायकों में से 205 यानी करीब 51 प्रतिशत पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की तरफ से जारी एक विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक नवनिर्वाचित विधानसभा में 158 जीते हुए उम्मीदवारों यानी 39 प्रतिशत ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात हलफनामे में कही है.
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में 402 में से 143 यानी 36 फीसदी विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे. एडीार के विश्लेषण के अनुसार दलगत स्थिति देखें तो भाजपा के 255 जीते उम्मीदवारों में से 111 यानी 44 फीसदी ऐसे है, जिनकी पृष्ठभूमि आपराधिक है. वहीं समाजवादी पार्टी के 111 जीते उम्मीदवारों में से 71 यानी 64 फीसदी, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के 8 जीते उम्मीदवारों मे से 7 यानी करीब 88 फीसद पर आपराधिक रिकॉर्ड हैं.
उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) व निषाद पार्टी दोनों के 6-6 में से 4-4 यानी 64 फीसदी और अपना दल के 12 जीते उम्मीदवारों में से 3 विधायकों ने आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है. वहीं इस विधानसभा चुनाव में पांच विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं. 29 ने हत्या के प्रयास, 6 ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं. एक तो ऐसे विधायक भी चुने गए हैं. जिनके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज है.