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new delhi

केंद्रकी मोदी सरकार के 18 फीसदी और राज्य सरकारों के 19 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले चल रहे हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के साथ हिंसा जैसे मामले शामिल हैं। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में हुआ है। इसमें 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 620 में से 609 और केंद्र के 78 मंत्रियों के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया गया है। इसके मुताबिक केंद्र के 31 फीसदी और राज्यों के 34 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है। इसके अलावा राज्यों के 76% मंत्री करोड़पति हैं। उनकी औसत संपत्ति 8.59 करोड़ रुपए हैं। 

दागी मंत्रियों की संपत्ति साफ-सुथरों से ज्यादा 

{दागीमंत्रियों की औसत संपत्ति 9.52 करोड़ रुपए है। जबकि अन्य मंत्रियों की औसत संपत्ति 8.10 करोड़ रुपए है। 

{पंजाब, पुदुचेरी और अरुणाचल प्रदेश के सभी मंत्री करोड़पति। 

यहां सबसे गरीब 

राज्य औसत संपत्ति 

त्रिपुरा~31.67 लाख 

केरल ~78.72 लाख 

मणिपुर ~83.92 लाख 

यहां सबसे अमीर 

राज्य औसत संपत्ति 

आंध्रप्रदेश‌~45.49 करोड़ 

कर्नाटक ~36.96 करोड़ 

अरुणाचल ~32.62 करोड़ 

सबसे अमीर और सबसे गरीब, दोनों मंत्रियों के नाम में ‘नारायण’ जुड़ा है। लेकिन इनकी संपत्ति में करीब 75 हजार गुना का अंतर है। इनमें आंध्र में टीडीपी के पोंगुरु नारायण सबसे अमीर, जबकि यूपी में सपा के तेज नारायण पांडे सबसे गरीब हैं। 

तेज नारायण 

समाजवादी पार्टी 

~ 66,612

पी नारायण 

तेलुगुदेशम पार्टी 

~496 करोड़

{राज्यों में 7 मंत्रियों पर हत्या के मामले हैं। 

{राज्यों में 6 मंत्रियों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप में मामले दर्ज हैं। 

{उत्तर-पूर्व में असम इकलौता राज्य है जहां एक मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला है। 

{उत्तर-पूर्व के अन्य 7 राज्यों के 77 मंत्रियों के खिलाफ एक भी मामला नहीं है। 

39% 

46% 

53% 

57% 

82% 

झारखंड 

दिल्ली 

तेलंगाना 

महाराष्ट्र 

बिहार 

आपराधिक मामलों वाले मंत्री 

राज्योंके 609 मंत्रियों में से 34 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले जबकि 19 फीसदी के खिलाफ गंभीर अपराधों के तहत मामले दर्ज हैं। केंद्रीय मंत्रियों के मामले में यह आंकड़ा 24 फीसदी और 18 फीसदी है। 

मंत्रीआपराधिक मामले गंभीर अपराध 

केंद्र2414 

राज्य210113