सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनावी बॉन्ड को रद्द करते हुए साफ कहा कि एसबीआई को इस चंदे के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। ये केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। गौरतलब है कि 2022-23 में सबसे ज्यादा चुनावी चंदा बीजेपी को मिला था। कांग्रेस तो चुनावी चंदा के मामले में बीआरएस से भी पीछे रही थी।
हाइलाइट्स
- 2022-23 में सत्तारूढ़ बीजेपी को मिला था सबसे ज्यादा चुनावी चंदा
- कांग्रेस को चुनावी चंदे में काफी कमी आई थी, BRS को भी खूब मिला था चंदा
- सुप्रीम कोर्ट ने आज इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द करने का फैसला सुनाया
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराते हुए इसे रद्द कर दिया है। ये केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार ने इस योजना को लागू किया था। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 2019 से इसके बारे में जानकारी देने को कहा है। इसके अलावा चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर सभी राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को सार्वजनिक करने को कहा है। कारोबारी घरानों से लेकर कई अन्य लोग पार्टियों को चुनावी चंदा देते रहे हैं। 2022-23 में सभी राजनीतिक दलों को कॉरपोरेट की तरफ से कुल मिलाकर जितना चंदा मिला, उसका 90 प्रतिशत तो सिर्फ बीजेपी की झोली में गिरा। आइए जानते हैं 2022-23 में किस पार्टी को कितना चंदा मिला।
2022-23 में किस दल को कितना चंदा
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कुल 720 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिला था। इसमें वैसे दानदाताओं के नाम शुमार हैं जो 20 हजार से ज्यादा रुपये चंदा के रूप में दिए हैं। बीजेपी को 2021-22 की तुलना में 22-23 में 17.1% ज्यादा चंदा मिला। कांग्रेस को 2022-23 में कुल 79.9 करोड़ रुपये चंदा मिला था। 21-22 की तुलना में उसे 16.3 फीसदी कम चंदा मिला। 21-22 में कांग्रेस को 95.4 करोड़ रुपये चंदा मिला था।
2021-2022 में राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा कुल घोषित चंदा | |||
राष्ट्रीय पार्टी | चंदों की संख्या | कुल चंदा | औसत चंदा |
बीजेपी | 4957 | 614.626 करोड़ | 12.39 लाख |
कांग्रेस | 1255 | 95.459 करोड़ | 7.60 लाख |
एनसीपी | 247 | 57.905 करोड़ | 23.44 लाख |
सीपीआई (एम) | 535 | 10.055 करोड़ | 1.87 लाख |
सीपीआई | 124 | 1.945 करोड़ | 1.56 लाख |
तृणमूल कांग्रेस | 7 | 0.43 करोड़ | 6.14 लाख |
नैशनल पीपल्स पार्टी | 16 | 0.354 करोड़ | 2.21 लाख |
बीएसपी | 0 | 0 | 0 |
कुल | कुल : 7141 | 780.774 करोड़ | 10.93 लाख |
विभिन्न राजनीतिक दलों ने 2022-23 में जो चंदे के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी दी थी। उसके अनुसार बीजेपी को 719.8 करोड़ रुपये मिले थे। भगवा दल को 2021-22 में 614.5 करोड़ रुपये चंदा मिला था। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को 254.7 करोड़ रुपये चंदा दिया था। (कुल चंदे का 35%) इसके अलावा इंजीगार्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट ने पार्टी को 8 लाख रुपये चंदा दिया था। गौरतलब है कि इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिलने वाले चंदे की जानकारी पार्टियों को देने की जरूरत नहीं होती है।
कांग्रेस के चंदे में आई कमी
कांग्रेस को 2022-23 में चुनावी चंदे में करीब 15 करोड़ रुपये की कमी आई थी और उसे 79.9 करोड़ रुपये चंदा मिला था। राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को मिला चंदा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को मिले 154 करोड़ रुपये के चंदे से भी कम था। इसके अलावा बीआरएस ने चुनावी बॉन्ड के जरिए 529 करोड़ रुपये बतौर चंदा पाया था। आम आदमी पार्टी को कुल 37.1 करोड़ रुपये चंदा मिला था जो 21-22 की तुलना में 2.9 प्रतिशत कम है। 21-22 में पार्टी को 38.2 करोड़ रुपये चंदा मिला था।
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सीपीएम को 2022-23 में चंदे में 40% की कमी दर्ज की गई थी। उस 2021-22 में कुल 10 करोड़ रुपये बतौर चंदा मिला था लेकिन 22-23 में पार्टी को महज 6 करोड़ रुपये ही चंदा मिला।
कॉरपोरेट से पार्टियों को मिले कुल चंदे का 90% तो सिर्फ बीजेपी को
वित्त वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय पार्टियों को मिले कुल चंदे का 90 प्रतिशत तो सिर्फ बीजेपी को मिला। असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, इस दौरान बीजेपी को कुल 3,067 बिजनस हाउसेज से 680.49 करोड़ रुपये कॉरपोरेट डोनेशन मिला। दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही जिसे 70 व्यापारिक संस्थानों से 55.62 करोड़ रुपये मिले। आम आदमी पार्टी को 11.26 करोड़, सीपीएम को 2.08 करोड़ और बीएसपी को एक रुपया भी चंदा नहीं मिला।