पांच साल में विधायकों के क्षेत्रों की सूरत भले ही न बदले लेकिन विधायकों की माली हालत जरूर बदल जाती है. एडीआर यानि एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्मस ने बताया है कि पांच सालों में कई विधायकों की संपत्ति 3.18 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन नेताओं ने 2017 में चुनाव लड़ा था. उनकी औसत संपत्ति उस समय 5.65 करोड़ थी जो अब 8.87 करोड़ रुपये हो गई है.
खास बात ये है कि ऐसे नेताओं की संख्या 301 है, जो काफी बड़ी संख्या है. इनमें सबसे पहले नाम आता है. एआइएमआइ (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के टिकट पर मुबारकपुर विधानसभा सीट से ताल ठोंक रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का जिनकी संपत्ति में 77 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 301 नेताओं में से 284 यानि 94 प्रतिशत की संपत्ति में बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि 17 सिर्फ ऐसे विधायक हैं जिनकी संपत्ति में एक से लगाकर 36 प्रतिशत तक की कमी आई है.
अगर दलों की बात करें तो इसमें सबसे आगे भाजपा के नेता हैं. 301 में से भाजपा के 223 विधायकों ने इस बार विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी संपत्ति में तीन करोड़ रुपये की वृद्धि दिखाई है. जबकि इस मामले में दूसरे नंबर पर सपा है जिसके 55 विधायकों ने वर्ष 2022 के चुनाव में औसतन दो करोड़ रुपये की वृद्धि दर्शायी है. वहीं तीसरे नंबर पर बसपा है जिसके आठ विधायकों ने 2022 में औसतन चार करोड़ रुपये की वृद्धि दर्शायी है.