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चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार अब मनमाना खर्च नहीं कर सकेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने खास रणनीति बनाई है। अब उम्मीदवार को खर्च के लिए अलग से बैंक खाता खोलना होगा। इन खातों का चुनाव आयोग के अधिकारी कभी भी औचक निरीक्षण कर सकते हैं। दरअसल, हरियाणा में नगर निगम और नगरपालिका चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव खर्च के लिए अलग से बैंक खाता खोलना होगा। इस खाते से ही उम्मीदवार चुनाव खर्च करेंगे। खाते का निरीक्षण चुनाव आयोग के व्यय पर्यवेक्षक और संबंधित जिले के डीसी किसी भी समय कर सकते हैं।  राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चुनाव खर्च अकाउंट का रख-रखाव सही तरीके से करें। चूंकि, चुनाव परिणाम घोषित होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर उन्हें खर्च का ब्योरा हर हाल में राज्य चुनाव आयोग के प्राधिकृत अधिकारी या डीसी को जमा कराना होगा। खर्च का विवरण जमा करने वाले और जमा न कराने वाले उम्मीदवारों की सूची 30 दिनों की निर्धारित समय सीमा पूरी होने पर सात दिनों के भीतर आयोग को प्राधिकृत अधिकारी व डीसी को देनी होगी। 

राज्य चुनाव आयुक्त डॉ. दलीप सिंह ने कहा कि ऐसा करने में असफल रहने वाले उम्मीदवार हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 8 ई और हरियाणा नगर निगम चुनाव व्यय (अकाउंटस रखरखाव और अकाउंटस जमा कराना), आदेश, 2018 के तहत पांच साल तक चुनाव के अयोग्य घोषित किए जाने के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे। 

जिन पांच नगर निगमों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनके531 पुराने उम्मीदवारों को बीते चुनाव का खर्च विवरण न देने पर चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जा चुका है। उनके परिवार का कोई और सदस्य चुनाव लड़ सकता है। उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।