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Source
News18
Date
City
Dehradun

उत्तराखंड में इस बार जो 70 विधायक (Elected MLAs) चुने गए हैं, उनमें से 83% यानी 58 करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. यही नहीं, गरीब राज्य कहे जाने वाले उत्तराखंड में करोड़पति विधायकों की संख्या हो या विधायकों की औसत आय (Average Income of Uttarakhand Assembly), पिछले पांच सालों में आंकड़े बढ़ गए हैं. विधायकों का कच्चा चिट्ठा पेश करने वाले ब्योरों के मुताबिक इस बार जीते हुए 70 उम्मीदवारों (Victorious Candidates) में से 27% यानी 19 ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. वहीं, 20 विधायक ऐसे भी हैं, जो शिक्षा के मामले में 12वीं या उससे कम ही पढ़े लिखे हैं.

उत्तराखंड में नयी विधानसभा में 58 विधायक करोड़पति हैं, जबकि पिछली बार 51 थे. एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक करोड़पति क्लब में कांग्रेस के 15, भाजपा के 40, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक का नाम है. सबसे ज़्यादा धनवान भाजपा सरकार में मंत्री रहे सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 87 करोड़ है, वहीं सबसे गरीब विधायक दुर्गेश्वर लाल हैं, जिन्होंने सिर्फ 6.5 लाख रुपये की संपत्ति होने का शपथपत्र दिया है. एडीआर समन्वयक मनोज ध्यानी के अनुसार 2017 में विधायकों की औसत आय 4.96 करोड़ थी, जो नयी विधानसभा में 7.56 करोड़ हो गई है.

करोड़पति विधायकों के और फैक्ट्स
– भाजपा विधायकों की औसत आय 6.52 करोड़ है, कांग्रेस विधायकों की 35 और बसपा विधायकों की 9.65 करोड़ है.
– पांच साल में विधायकों की औसत आय 2.60 करोड़ रुपये बढ़ी.
– महाराज, उमेश कुमार, त्रिलोकसिंह चीमा, खुशाल ​अधिकारी, रेखा आर्या, सरवत करीम, अनुपमा रावत, प्रदीप बत्रा, यशपाल आर्या और शिव अरोड़ा टॉप 10 करोड़पति विधायक हैं.
– मौजूदा वित्तीय वर्ष में 2.53 करोड़ यानी सबसे ज़्यादा आय वाले विधायक खुशाल सिंह अधिकारी हैं.
– ये आंकड़े तब हैं, जब उत्तराखंड में प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से औसतन 73 हज़ार रुपये का कर्ज़ है.

क्रिमिनल बैकग्राउंड के आंकड़े क्या हैं?
इस बार 10 विधायक ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं, जबकि पिछली बार 14 ऐसे विधायक थे. एडीआर के मुताबिक आपराधिक रिकॉर्ड वाले कुल 19 में से भाजपा व कांग्रेस के 8-8, बसपा के दो और निर्दलीय विधायक ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की बात एफिडेविट में कही है.

और क्या हैं विधायकों से जुडे खास फैक्ट्स?
नवनिर्वाचित 20 विधायकों में से 3 केवल मिडिल पास हैं. 10वीं तक पढ़ाई करने वाले 8 विधायक हैं और 9 ने 12वीं पास की है. सबसे ज़्यादा शिक्षित विधायकों की बात करें तो 4 ऐसे भी हैं, जिनके पास डॉक्टरेट है. अब तक सबसे ज़्यादा कुल 8 महिलाएं इस बार विधायक बनी हैं, तो 31 से 50 साल की उम्र के 16 विधायक इस बार सदन में हैं. सबसे युवा 36 वर्षीय दुर्गेश्वर लाल हैं, तो अनुपमा रावत, वीरेंद्र कुमार, सुरेश गड़िया, रवि बहादुर, भुवन कापड़ी और विनोद कंडारी की उम्र 40 साल से कम की है.