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Source
Dainik Bhaskar
Date
City
Ahmedabad

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और माहिती अधिकार गुजरात पहल (एमएजीपी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि गुजरात विधानसभा को एक ऐसा एप्लिकेशन पर काम करने की जरूरत है, जिसमें विधायकों द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जवाब आसानी से खोजे जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात विधानसभा में पिछले पांच वर्षों में 10 सत्र हुए हैं। विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं, जिनमें से चार खाली हैं। इन चार निर्वाचन क्षेत्रों के नाम भिलोदा, उंझा, द्वारका और खेड़ब्रह्मा है।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि विधानसभा के नौ सत्रों के दौरान कुल 38,121 तारांकित प्रश्न और 10,224 अतारांकित प्रश्न पूछे गए थे। तारांकित प्रश्नों में, 26 विभागों में से न्यायपालिका और जलवायु परिवर्तन विभाग को सबसे कम प्रश्न प्राप्त हुए। जबकि कृषि सहकारिता, उद्योग, पंचायत और राजस्व के पांच विभाग को पांच साल के दौरान सबसे ज्यादा प्रश्न मिले।

अतारांकित प्रश्नों के लिए, सबसे कम प्रश्न जलवायु परिवर्तन विभाग से संबंधित थे, जबकि सबसे अधिक प्रश्न गृह, कृषि, राजस्व, स्वास्थ्य और नर्मदा से जुड़े थे। सदन में 38,121 तारांकित प्रश्नों में से केवल 600 का उत्तर दिया गया, जो कि 2 प्रतिशत है। जबकि 32 फीसदी जवाब अतारांकित प्रश्नों का दिया गया।

गुजरात में एमएलए एलएडी योजना के तहत, साल 2017-2022 के दौरान 1,004 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया। इनमें से 849.64 करोड़ रुपए रिलीज किया गया और 677 करोड़ खर्च किए गए। आदिवासी जिलों में विकास कार्यों के लिए 230.37 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई। लेकिन खर्च सिर्फ 177.40 करोड़ रुपये ही किए गए।

रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य विधानसभा में उपस्थित के बावजूद, 182 में से 95 प्रतिशत विधायकों ने पिछले 5 सालों के दौरान चर्चा में बेहद कम हिस्सा लिया। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि एलएडी योजना के खचरें का खुलासा करने के लिए अलग वेब पोर्टल होना चाहिए, जहां डैशबोर्ड पर क्षेत्रीय और निर्वाचन क्षेत्र का डेटा देखा जा सके। राज्य विधानसभा के सदस्य की उपस्थिति को भी वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।