पिछले साल संपन्न हुए गुजरात के चुनावों में बीजेपी को जीत हासिल हुई। चुनाव संपन्न होने के बाद एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि चुनाव के लिए तय की गई खर्च की गई सीमा के अंदर 30 फीसदी विधायकों ने चुनाव में पैसा खर्च किया। जिसके हिसाब से विधायकों को औसतन खर्चा 16.45 लाख रहा है।
प्रत्येक प्रत्याशी के लिए चुनाव में 28 लाख रुपए की खर्च सीमा तय की गई थी। गुजरात इलेक्शन वॉच व एसोसिशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्मस (एडीआर) के मुताबिक बीजेपी के 99 विधायकों ने औसतन 17.34 लाख का खर्चा किया, जबकि कांग्रेस के 70 विधायकों ने 15.99 लाख का चुनाव में खर्चा किया है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (भाटपा) ने औसतन 12 लाख रुपए, निर्दलीय विधायकों ने औैसतन 5.37 लाख रुपए , एनसीपी के एक विधायक ने 5.64 लाख का खर्च चुनाव के दौरान किया है।
गुजरात में किस विधायक ने कितना का किया खर्च
इस चुनाव में सबसे ज्यादा बीजेपी के संतारामपुर के विधायक कुबेर ने 95, 766 रुपए और हिम्मतनगर के विधायक राजेंद्र सिंह चावड़ा ने 5.78 लाख रुपए खर्च किए। तीन ऐसे भी विधायक रहे हैं जिन्होंने इस चुनाव में सबसे कम पैसे खर्च किए हैं। जिग्नेश मेवाणी ने 5.20 लाख, भरतजी ठाकोर ने 3.81 लाख, रतन सिंह राठौर ने 3 लाख रुपयों का खर्चा किया है। 182 विधायकों ने प्रचार अभियान कर्मियों पर ताथा 50 विधायकों ने प्रचार अभियान सामग्री पर पैसे नहीं खर्च किए। वहीं, प्रचार अभियान के लिए करीब 8 विधायकों ने एक भी पैसा खर्च नहीं किया है।
67 फीसदी विधायकों को पार्टी से फंड मिला
गुजरात के 67 फीसदी विधायकों को फंड अपनी राजनीतिक पार्टियों से मिला है। 22 फीसदी विधायकों ने खुद व 11 फीसदी ने अन्य जरियों से चुनाव का फंड प्राप्त किया है। 46 विधायकों ने यह बात स्वीकारी भी है कि उन्होंने कोई फंड नहीं लिया है। 182 में से 116 विधायकों ने यह भी कहा है कि उन्होंने किसी भी तरह की कोई भी राशि प्राप्त नहीं की है। जबकि ऐसे 19 विधायक हैं जिन्होंने चुनाव प्रचार के लिए खुद के फंड का प्रयोग किया है।