एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और गुजरात इलेक्शन वॉच द्वारा तैयार एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में कुल 182 विधायकों में से 164 विधायकों ने स्टार प्रचारकों वाली जनसभाओं और जुलूसों आदि पर फंड (पैसा) खर्च किया।
रिपोर्ट के अनुसार, 164 विधायकों, जोकि कुल विधायकों का 90 प्रतिशत हैं। उनका कहना है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों को शामिल करने वाली जनसभाओं, जुलूसों आदि पर फंड खर्च किया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 18 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों (सामान्य पार्टी प्रचार के अलावा) के साथ जनसभाओं, जुलूसों आदि पर कोई पैसा फंड खर्च नहीं किया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य विधानसभा में सभी विधायकों ने घोषणा की कि उन्होंने स्टार प्रचारकों के बिना जनसभाओं, जुलूसों आदि पर फंड खर्च किया है।
इस बीच, 182 में से 97 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार पर फंड खर्च किया, जबकि 85 विधायकों (47 प्रतिशत) ने घोषणा की कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर कोई धन (फंड) खर्च नहीं किया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 172 (95 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने अभियान कार्यकर्ताओं पर फंड खर्च किया है, जबकि 10 विधायकों (5 प्रतिशत) ने घोषणा की है कि उन्होंने प्रचार कार्यकर्ताओं पर कोई फंड खर्च नहीं किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 145 (80 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने प्रचार सामग्री पर फंड खर्च किया है, जबकि 37 (20 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने प्रचार सामग्री पर कोई फंड खर्च नहीं किया है।
यह रिपोर्ट गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद सौंपे गए चुनावी खर्च के ब्यौरे पर आधारित है। गुजरात चुनाव के दौरान प्रत्येक विधायक के लिए खर्च की सीमा 40 लाख रुपये थी।