खास बातें
- 469.89 करोड़ रुपये का चंदा पिछले वित्त वर्ष में सभी दलों को मिला
- 437.04 करोड़ रुपये भाजपा और 26.65 करोड़ रुपये कांग्रेस को मिले
- 400.23 करोड़ की हिस्सेदारी कॉरपोरेट घरानों की थी भाजपा के चंदे में
- 19.29 करोड् रुपये कांग्रेस को भी बड़े कॉरपोरेट घरानों की तरफ से मिले
सत्ताधारी दल ने वित्त वर्ष 2017-18 में चंदे से की 437 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई : रिपोर्ट
देश के प्रमुख गैर सरकारी निर्वाचन थिंक-टैंक एसोसिशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की तरफ से बुधवार को पेश की गई अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा और कांग्रेस को मिले चंदे का ज्यादा हिस्सा प्रूडेंट इलेक्ट्रॉल ट्रस्ट नाम के संगठन की तरफ से दिया गया। इस संगठन के पीछे देश के कई बड़े कॉरपोरेट घराने हैं, जिनमें रियल एस्टेट और टेलीकॉम सेक्टर के दिग्गज भी शामिल हैं। इस संगठन की तरफ से भाजपा और कांग्रेस, दोनों को कुल 164.30 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया। इस चंदे में से भाजपा के हिस्से में 154.30 करोड़ रुपये की रकम आई, जो उसे मिले कुछ चंदे का करीब 35 फीसदी हिस्सा है। इसी तरह कांग्रेस को मिली 10 करोड़ रुपये की रकम उसे मिले कुल चंदे का 38 फीसदी हिस्सा है।
बसपा को नहीं मिलता बड़ा चंदा
रिपोर्ट के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की तरफ से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में भी उसे 20 हजार रुपये या इससे ज्यादा बड़ी रकम किसी की तरफ से चंदे में नहीं दी गई। बता दें कि बसपा पिछले 12 साल से हर बार यही घोषणा करती है।