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2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद से अब तक सांसदों के वेतन और सुविधाओं पर 1997 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। एक आरटीआई पर लोकसभा सचिवालय ने यह जवाब दिया। जहां एक लोकसभा सांसद पर पिछले चार सालों मे औसत 71.29 लाख रुपए खर्च हुए, वहीं एक राज्यसभा सांसद पर औसत 44.43 लाख रुपए खर्च हुए।

लोकसभा में 545 सदस्य हैं (543 चुने हुए, 2 आंग्ल-भारतीय समुदाय के नामित)। वहीं, राज्यसभा में 245 सांसद हैं। लोकसभा सांसदों को वेतन देने में कुल 1554 करोड़ रुपए, तो राज्यसभा सांसदों को तनख्वाह देने में 443 करोड़ का खर्च आया। 
एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापक सदस्य जगदीश चोकर ने कहा कि सांसदों के वेतन और सुविधाओं से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मुद्दा यह नहीं है कि किसी सांसद का वेतन 10 गुना बढ़ा दिया गया। लेकिन उन्हें आने-जाने, रहने, वाहन, खाने, मेडिकल, हवाई यात्रा, टेलिफोन और बाकी चीजों की सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए।”