Source: 
Author: 
Date: 
17.12.2018
City: 

सभी राष्ट्रीय-क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को हर साल अपने कुल आय और व्यय की जानकारी चुनाव आयोग को देना आवश्यक है। लेकिन एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि राजनीतिक दल अपने आय-व्यय का ब्योरा आयोग में पेश करने में हमेशा देरी करते हैं। इस वर्ष भी कई दलों ने दी गई समय-सीमा 30 अक्टूबर से कई दिनों की देरी से अपनी जानकारी आयोग को सौंपी है। कांग्रेस ने तो ब्योरा देने की अंतिम तिथि के दो महीने बीत जाने के बाद भी अब तक अपनी आय-व्यय की जानकारी आयोग को नहीं सौंपी है।

एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने अपने आय-व्यय की जानकारी चुनाव आयोग को 24 नवंबर यानी 24 दिन देरी से जमा किया। बहुजन समाज पार्टी और सीपीएम ने चुनाव आयोग को अपने आय-व्यय की जानकारी समय से दे दी थी। जबकि सीपीआई ने एक दिन देर यानी 31 अक्टूबर को अपना ब्योरा जमा किया था। 

किस पार्टी ने कितना कमाया

कांग्रेस को छोड़ छ: राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को अपने खर्च का ब्योरा पेश किया है। चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में भाजपा ने स्वीकार किया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसे कुल 1027.339  करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। सभी 6 पार्टियों को मिले कुल चंदे का यह 85.70 फीसदी है। पिछले वर्ष की तुलना में उसे इस साल 6.93 करोड़ रुपये कम चंदा मिला है। अपनी कुल आय में से उसने कुल 758.47 करोड़ (आय का 74%)  खर्च किया है। 

सीपीएम को वित्त वर्ष 2017-18 में 104.847 करोड़ की आय हुई है। सभी पार्टियों को मिले चंदे का यह 8.75 फीसदी है। बहुजन समाज पार्टी को इसी अवधि के दौरान कुल 51.694 करोड़ की आय हुई है। उसने अपनी आय का कुल 14.78 करोड़ खर्च किया है जो उसकी आय का 29 फीसदी है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी एनसीपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने अपनी कुल आय (8.15 करोड़ रुपये) से (69 लाख रुपये) ज्यादा खर्च किया है। 

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method