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UP Tak
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर चल रही सरगर्मियों के बीच यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (यूपीईडब्ल्यू और एडीआर) की रिपोर्ट ने पहले चरण के प्रत्याशियों के क्रिमिनल केस की जानकारियां सामने रखी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी चुनाव के पहले चरण में लड़ने वाले 623 उम्मीदवारों में से 156 यानी 25 फीसदी उम्मीदवार अपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं.

यूपीईडब्ल्यू और एडीआर के मुताबिक, कुल उम्मीदवारों में से 46 फीसदी यानी 280 उम्मीदवार करोड़पति हैं. इनकी संपत्तियों का औसत करीब पौने तीन करोड़ रुपये बैठता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी अपराधी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने में अव्वल निकली. पहले चरण में उनके कुल 28 उम्मीदवारों में से 21 यानी 75 फीसदी ऐसे ही हैं. एसपी की जोड़ीदार आरएलडी यानी राष्ट्रीय लोकदल के कुल 29 उम्मीदवारों में से 17 यानी 59 फीसदी के खिलाफ अपराधी मामले दर्ज हैं.

बीजेपी भी ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारने में कम पीछे नहीं है. बीजेपी ने पहले चरण में उतारे 58 उम्मीदवारों में से 29 यानी 51 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं.

पहले चरण में कांग्रेस ने 58 उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से 21 उम्मीदवार यानी 36 फीसदी अपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. बीएसपी के 56 में से 19 यानी 34 फीसदी उम्मीदवार अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं.

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इस सूची में सबसे नीचे है. आम आदमी पार्टी ने 52 उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से आठ उम्मीदवारों यानी 15 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे से ये भी खुलासा होता है कि पहले चरण के मतदान के दौरान 6 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के मुकदमे दर्ज हैं, जबकि 30 हत्या के मकसद से हमला करने के आरोपी हैं.

जिन इलाकों में तीन या उससे अधिक आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हों, उन चुनाव क्षेत्रों को रेड अलर्ट कंसटीट्यूएंसी कहा जाता है. ऐसे 31 चुनाव क्षेत्र हैं जो कुल 58 चुनाव क्षेत्र का 53 फीसदी बैठता है.