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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचित 56 सांसदों ने चुनावी खर्च की सीमा से 50 प्रतिशत कम खर्च करने की घोषणा की है. चुनाव सुधार के क्षेत्र में काम करने वाले संगठन एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

एडीआर के अनुसार, उसने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 543 सांसदों में से 538 के चुनावी खर्च की घोषणा का आकलन किया. इसमें कहा गया है कि दो सांसदों ने खर्च की सीमा से अधिक व्यय किया.

एडीआर के अनुसार, जम्मू कश्मीर के अनंतनाग से नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने खर्च की सीमा से 927,920 रुपये अधिक व्यय किया.

वहीं, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से भाजपा सांसद रवींद्र श्याम नारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन ने सीमा से 795,916 रुपये अधिक खर्च किया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इन चुनाव व्यय दस्तावेजों में सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर खर्च, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार, अभियान कार्यकर्ताओं पर खर्च, इस्तेमाल किए गए वाहनों और अभियान सामग्री पर खर्च का विवरण शामिल है.

आम चुनाव में बड़े राज्यों के लिए प्रति उम्मीदवार चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये है, जबकि छोटे राज्यों के लिए यह सीमा 54 लाख रुपये है.

इसमें कहा गया है कि भाजपा सांसद किरण रिजीजू, वाईएसआर कांग्रेस के जी. माधवी और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्र हांग सुब्बा का चुनावी खर्च सबसे कम है.

रिजीजू ने 14 लाख रुपये खर्च किया, जबकि उनकी चुनावी खर्च की सीमा 54 लाख रुपये थी. इसी प्रकार से माधवी ने भी 14 लाख रुपये खर्च किया, जबकि उनकी चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये थी. सुब्बा ने 7 लाख रुपये खर्च किया जबकि उनकी चुनावी खर्च की सीमा 54 लाख रुपये थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 538 सांसदों के चुनावी खर्च की घोषणा के आधार पर उनके द्वारा चुनाव में खर्च की गई औसत राशि 50.84 लाख रुपये है, जो खर्च की सीमा का 73 फीसदी है.