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चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग ने सभी पार्टियों को झटका दिया है। आयोग ने चुनाव के दौरान उम्मीदवार के एक सिंगल कैश ट्रांजेक्शन के जरिए होने वाले चुनावी खर्च/चंदे की रकम को आधा कर दिया है। अब सभी राज्यों के उम्मीदवार 20,000 की बजाए 10,000 की सिंगल ट्रांजेक्शन कर पाएंगे। महंगाई बढ़ी खर्च की सीमा नहीं

पिछले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को चुनावी खर्च में 28 लाख रुपए खर्च करने की सीमा चुनाव आयोग ने तय की थी। इस साल भी चुनावी खर्च को जस का तस रखा गया है। गौरतलब है कि पिछले पांच साल में महंगाई दर 22 फीसदी तक बढ़ गई है। पेट्रोल-डीजल से लेकर नमकीन, मिठाई, समोसे के दाम बढ़े हैं।

चुनावों में राजनीतिक दलों और प्रत्याशी के खर्च पर चुनाव आयोग की नजर है। होटल बिल के साथ ही क्षेत्रीय दौरों के खर्च ने नेताओं की नींद उड़ा दी है क्योंकि सीमा से ज्यादा खर्च प्रतियाशियों को अयोग्य कर सकता है।

चुनावी खर्च को लेकर पार्टियों की अलग अलग राय है। कांग्रेस का कहना है कि प्रचार-प्रसार के साधन काफी महंगे हो गए हैं। सोशल मीडिया के साथ ही डिजीटल मीडिया पर प्रचार करने के लिए काफी खर्च करना होता है।