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छत्तीसगढ़ के सभी कैबिनेट मंत्री करोड़पति हैं जबकि दो मंत्रियों ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप सहित आपराधिक मामलों का सामना किया है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी कैबिनेट के सभी 12 मंत्री करोड़पति हैं, जबकि दो मंत्रियों ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप सहित आपराधिक मामलों का सामना किया है. चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक, सभी कैबिनेट मंत्री करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 47.13 करोड़ दर्ज किया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 2013 वाली सरकार में कैबिनेट मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.04 करोड़ रुपये थी. सिंह की कैबिनेट के 12 मंत्रियों में से 11 करोड़पति थे. जबकि 2008 कैबिनेट की औसत संपत्ति 0.81 करोड़ रुपये थी और 13 मंत्रियों में से केवल चार ने अपनी संपत्ति एक करोड़ से अधिक होने की घोषणा की थी.

सबसे अमीर मंत्री 
राज्य के सबसे अमीर मंत्रियों में टी.एस. सिंह देव का नाम सबसे ऊपर है, जिनकी संपत्ति 500 करोड़ से अधिक है, जिसके बाद मुख्यमंत्री बघेल का नंबर है, जिनके पास 23 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.

क्रिमिनल बैकग्राउंड
बात करें आपराधिक पृष्ठभूमि की तो कोरबा के विधायक जयसिंह अग्रवाल और बघेल ने आपराधिक मामलों का सामना किया है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी और दंगा भड़काने का आरोप शामिल है.

सिर्फ एक महिला
2008 और 2013 की तरह वर्तमान में भी छत्तीसगढ़ सरकार में एकमात्र महिला मंत्री शामिल है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डोंडी लोहारा विधानसभा से विधायक अनिला भेड़िया को अपने मंत्रिमंडल में स्थान दिया है.

भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर को राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उन्होंने मंगलवार को नौ नए मंत्रियों को जगह देकर कैबिनेट में विस्तार किया था. मौजूदा कैबिनेट की संख्या 12 हो गई है. यहां बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं. राज्य में पंद्रह सालों बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है.