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Author
Anand Patel
Date

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्लू) ने लोकसभा की 542 सीटों पर हुए चुनावों के बाद उनके वोट शेयर का विश्लेषण किया है. इस विश्लेषण में कई अहम बातें उभर कर सामने आई हैं.  एडीआर और एनईडब्लू की रिपोर्ट बताती है कि नेताओं ने 52.7 फीसदी वोटों के औसत से जीत दर्ज की. 542 उम्मीदवारों में 341 उम्मीदवार (63 प्रतिशत) 50 या इससे ज्यादा फीसदी वोटों से जीते. जबकि 201 (37 प्रतिशत) उम्मीदवारों की जीत का औसत 50 फीसदी वोटों से कम रहा.

बीजेपी के विजयी 303 उम्मीदवारों में 79 (26 प्रतिशत) ऐसे नेता हैं जिन्हें चुनावी क्षेत्र में 50 फीसदी से कम वोट मिले. कांग्रेस के विजेता 52 नेताओं में 34 (65 प्रतिशत) प्रत्याशी, डीएमके के विजेता 23 में 4 (17 प्रतिशत) उम्मीदवार, तृणमूल कांग्रेस के 22 विजेताओं में 16 (73 फीसदी) और वाईएसआर कांग्रेस के 22 विजेता नेताओं में 9 (41 प्रतिशत) सांसदों ने अपने अपने संसदीय क्षेत्र में 50 फीसदी से कम वोट पाए.

233 उम्मीदवार दागी रहे जिनमें 132 (57 फीसदी) ऐसे थे जिन्होंने 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीत हासिल की. 475 करोड़पति उम्मीदवारों में 313 (66 प्रतिशत) ऐसे हैं जिन्हें 50 फीसदी या इससे ज्यादा वोट मिले. चौंकाने वाली बात यह है कि कुल उम्मीदवारों में 7 विजेता ऐसे हैं जिन्होंने मात्र 2 हजार वोटों से जीत हासिल की. 3 प्रत्याशियों की जीत का अंतर 50 फीसदी वोटों से ज्यादा था.

233 उम्मीदवार ऐसे रहे जो दागी थे लेकिन मजे से चुनाव जीत गए. इनमें 115 प्रत्याशियों ने साफ सुथरी छवि वाले नेताओं को शिकस्त दी. इनमें 6 उम्मीदवारों ने 40 फीसदी वोटों के औसत से जीत दर्ज की. गुजरात के नवसारी से बीजेपी उम्मीदवार सीआर पाटिल ने 52.7 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीत हासिल की. 115 नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने घोषित आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेताओं के खिलाफ जीत हासिल की. इनमें 7 प्रत्याशियों की जीत 40 फीसदी वोटों के साथ दर्ज की गई.

कुल 475 विजेता करोड़पति उम्मीदवारों में 54 ने गैर-करोड़पति उम्मीदवारों को हराया. इनमें 5 ऐसे हैं जिनकी जीत का अंतर 40 फीसदी वोटों का रहा. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से बीजेपी उम्मीदवार चंद्र प्रकाश जोशी ने 39.5 फीसदी वोटों के साथ जीत हासिल की. 48 गैर करोड़पति उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने करोड़पतियों को हराया और संसद पहुंचे. इनमें 21 उम्मीदवारों की जीत 50 फीसदी से ज्यादा वोटों से हुई है.

चुनाव लड़े 542 उम्मीदवारों में 78 महिलाएं हैं. इनमें सूरत संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की नेता दर्शन विक्रम जर्दोश ने सबसे ज्यादा 74.47 फीसदी वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की है. 225 उम्मीदवार दोबारा चुन कर आए हैं जिनमें 160 (71 फीसदी) प्रत्याशी 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर जीते हैं. 28 उम्मीदवारों ने 5 फीसदी से कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की जबकि 15 ने 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर जीत दर्ज की है. इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 61,31,33,300 वोट पड़े जिनमें 65,14,558 वोट नोटा के तहत पड़े. 2014 के चुनाव में यह आंकड़ा 60,02,942 था.