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रांची : एडीआर यानी एसोसिएट आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के उम्मीदवारों पर दर्ज आपराधिक मामलों का विश्लेषण पेश किया है. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में जहां 29 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज थे, वहीं 2019 में यह हलकी गिरावट के साथ 28 प्रतिशत पर पहुंच गयी है.  लेकिन, चिंता की बात यह है कि 18 प्रतिशत चुनावी उम्मीदवारों पर बेहद गंभीर आपराधिक मामले हैं. इन पर हत्या, हत्या के प्रयास, रेप, अपरहण और महिला हिंसा के आरोप हैं. ऐसे गंभीर आपराधिक मामले वाले उम्मीदवारों की संख्या 222 है. 10 उम्मीदवारों ने खुद के आरोप साबित होने की घोषणा की है. एडीआर ने सभी 1216 उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया है.

13 उम्मीदवारों पर हत्या का मामला दर्ज है. वहीं, 52 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. 24 उम्मीदवारों पर महिला हिंसा का केस दर्ज है, जिनमें पांच उम्मीदवारों पर बलात्कार का केस दर्ज है.

भाजपा के 44 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं. भाजपा के 79 में 35 उम्मीदवारों पर ऐसे मामले हैं. बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो की पार्टी में 42 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार हैं. पार्टी ने 81 उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें 34 पर मामले दर्ज हैं. आजसू ने 53 उम्मीदवार दिये हैं, जिनमें 25 पर मामले हैं, यह 47 प्रतिशत है. झामुमो ने 43 उम्मीदवार दिए हैं जिनमें 19 पर मामले दर्ज हैं, यह प्रतिशत 44 होता है. कांग्रेस ने 31 उम्मीदवार दिए हैं जिनमें 16 पर मामले दर्ज हैं. यह 52 प्रतिशत है. 368 स्वतंत्र उम्मीदवारों में 71 पर मामले दर्ज हैं. यह 19 प्रतिशत है. भाजपा के 79 में 23 उम्मीदवारों पर गंभीर मामले हैं जो 23 प्रतिशत है. झाविमो के 81 में 21 पर गंभीर मामले हैं, यह 26 प्रतिशत है. झामुमो के 43 में 14 पर गंभीर मामले हैं, यह 33 प्रतिशत होता है. आजसूद के 53 में 14 उम्मीदवार पर गंभीर मामले हैं. यह 26 प्रतिशत होता है. 368 स्वतंत्र उम्मीदवारों में 49 पर गंभीर मामले हैं, यह 13 प्रतिशत है.

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में 60 रेड अलर्ट वाली सीटें हैं. रेड अलर्ट सीटें वे होती हैं जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले होते हैं.

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