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झारखंड के बिहार से अलग नया राज्य बनने से भी पहले यहां दागी नेताओं को जनप्रतिनिधि के तौर पर चुने जाने का अघोषित चलन रहा है। सोमवार को आए विधानसभा चुनावों के परिणाम भी इससे कुछ अलग नहीं रहे हैं। इस बार भी चुने गए 81 विधायकों में से 54 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। हालांकि दागी विधायकों का आंकड़ा 2014 विधानसभा चुनावों के मुकाबले घटा है, लेकिन जनप्रतिनिधि के तौर पर समाज के अमीर तबके से आने वाले लोगों की संख्या इस बार बढ़ गई है।

चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र के हिसाब से राज्य की नवनिर्वाचित विधानसभा में इस बार 81 में से 41 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि 2014 में 55 विधायकों (68 फीसदी) के रिकॉर्ड में अपराध का कॉलम भरा हुआ था। कुल सीटे जीतने में भले ही जेएमएम को भाजपा नहीं पछाड़ सकी हो, लेकिन बाहुबली विधायकों को जिताने के मामले में वह जेएमएम के करीब पहुंचती दिख रही है।

इस बार विधानसभा में कुल सदस्यों का 65.43 प्रतिशत यानी 53 विधायक ऐसे पहुंचे हैं, जिन्होंने शपथ पत्र में अपनी संपत्ति का ब्योरा करोड़ों में भरा है। लेकिन 2014 विधानसभा चुनावों में ऐसे विधायकों की संख्या 81 में से महज 41 यानी 51 फीसदी की थी। दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन विधानसभा में सबसे ज्यादा अमीर विधायक के तौर पर प्रवेश करेंगे। उनके नाम पर 29.69 करोड़ रुपये की संपत्ति दर्ज है। पूर्व आईपीएस अधिकारी रामेश्वर उरांव इस सूची में दूसरे नंबर पर हैं, जिनके पास 27.42 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

बता दें कि चुनाव से पहले एडीआर की तरफ से जारी रिपोर्ट में विभिन्न पार्टियों की तरफ से व निर्दलीय के तौर पर उतरे 1216 उम्मीदवारों में से 335 पर सामान्य अपराध और 222 के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप होने की बात कही गई थी।

मंगल कालिंदी हैं ‘हजारपति’

इस बार विधानसभा चुनाव में जीतकर आने वालों की सूची में करोड़पतियों की भीड़ के बीच एक ‘हजारपति’ का भी नाम है। झारखंड की जुगसलाई विधानसभा सीट से जेएमएम के टिकट पर जीते मंगल कालिंदी के पास महज 30 हजार रुपये ही मौजूद हैं। पेशे से मजदूरी कर घर की रोजीरोटी चलाने वाले मंगल आयोग को दिए शपथ पत्र में अपने पास 20 हजार रुपये की नकदी मौजूद होने और 10 हजार रुपये बैंक खाते में जमा होने की जानकारी दी थी। उनके पास न कोई घर है और न ही प्लॉट ही मौजूद है।

विधायकों पर हत्या के आरोप से सीबीआई जांच तक

इस बार विधानसभा में चुने गए विधायकों पर जहां एकतरफ लोगों से धोखाधड़ी व अन्य तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वहीं हुसैनाबाद से एनसीपी के विधायक चुने गए कमलेश कुमार सिंह, मांडर से जेवीएम के विधायक बंधु तिर्की और पांकी से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के खिलाफ विभिन्न मामलों में सीबीआई जांच चल रही है। कमलेश और चतरा से राजद के विधायक चुने गए सत्यानंद भोक्ता पूर्व की राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। सत्यानंद के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा चल रहा है। गढ़वा से जेएमएम विधायक मिथलेश ठाकुर के खिलाफ हत्या के आरोप में अदालती ट्रायल चल रहा है। सिमडेगा से कांग्रेस विधायक भूषण के खिलाफ महिला से छेड़छाड़ का मुकदमा चल रहा है।

किस पार्टी में कितनों पर मुकदमे

पार्टी दागी
जेएमएम 16
भाजपा 11
कांग्रेस 08
जेवीएम 03
भाकपा माले 01
एनसीपी 01
राजद 01

10 करोड़ से ज्यादा संपत्ति

विधायक सीट दल संपत्ति
हेमंत सोरेन दुमका जेएमएम 29.69 करोड़
रामेश्वर उरांव लोहरदगा कांग्रेस 27.42 करोड़
मनीष जायसवाल हजारीबाग भाजपा 27.04 करोड़
कुशवाहा शशिभूषण मेहता पांकी भाजपा 22.5 करोड़
सुदेश महतो सिल्ली आजसू 18.57 करोड़
राजेंद्र प्रसाद सिंह बेरमो कांग्रेस 11.97 करोड़

 

शीर्ष-5 दागी विधायक

विधायक सीट दल मुकदमे
बंधु तिर्की मांडर जेवीएम 10
बाबूलाल मरांडी धनवार जेवीएम 09
उमाशंकर अकेला बरही कांग्रेस 05
रामदास सोरेन घाटशिला जेएमएम 05
इरफान अंसारी जामताड़ा कांग्रेस 05

 

आलोक कुमार हैं सबसे कम उम्र के विधायक

इस बार चुने गए 81 विधायकों में से भाजपा के टिकट पर डाल्टनगंज से जीते आलोक कुमार चौरसिया की उम्र सबसे कम है। आलोक महज 29 साल के हैं। दूसरी तरफ, लोहरदगा से कांग्रेस के टिकट पर जीते पूर्व आईपीएस रामेश्वर उरांव और विश्रामपुर से भाजपा के टिकट पर जीते रामचंद्र चंद्रवंशी इस बार सबसे बुजुर्ग विधायक हैं। इन दोनों की उम्र 72-72 साल है। शिकारीपाड़ा से जेएमएम के 71 वर्षीय विधायक नलिन सोरेन इन दोनों के ठीक पीछे हैं।