तमिलनाडु में मौजूदा 204 विधायकों में से 33 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. चुनाव अधिकार समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आपराधिक मामलों वाले मौजूदा विधायकों की संख्या 68 है.
रिपोर्ट के मुताबिक चुनावी राज्य में कुल मौजूदा विधायकों में 38 (19 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. ये गंभीर मामले गैर जमानती अपराध हैं, जिनमें पांच साल से अधिक की कैद की सजा का प्रावधान है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधानसभा के 157 सदस्य (77 प्रतिशत) ने अपनी वित्तीय संपत्ति करोड़ों रुपये होने की घोषणा की है.
रिपार्ट के मुताबिक करीब 89 विधायक (44 प्रतिशत) की शैक्षणिक योग्यता पांचवी कक्षा उत्तीर्ण से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण तक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 125 विधायक (61 प्रतिशत) 51 से 70 वर्ष आयु समूह के हैं. मौजूदा 204 विधायकों में सिर्फ 17 (आठ प्रतिशत) ही महिलाएं हैं.
द्रमुक के 86 विधायकों में 47 प्रतिशत के खिलाफ, अन्नाद्रमुक के 109 विधायकों में 21 प्रतिशत, कांग्रेस के सात विधायकों में 57 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. पार्टीवार यह संख्या क्रमश: 40, 23 और चार है.
कुल आठ विधायकों के खिलाफ हत्या की कोशिश और दो पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले हैं. एडीआर ने कहा कि विधायकों की औसत संपत्ति 6.05 करोड़ रुपये है.
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में पार्टियों के लिए प्रसारण समय बढ़ाया
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर आवंटित प्रसारण समय कोविड-19 महामारी और गैर-संपर्क आधारित प्रचार अभियान की प्रासंगिकता बढ़ने के मद्देनजर मंगलवार को दोगुनी कर दी.
आयोग ने पिछले साल के अंत में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के लिए इसी तरह का निर्णय लिया था.
आयोग ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी और गैर-संपर्क आधारित प्रचार की बढ़ी प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने प्रसार भारती निगम के साथ परामर्श से प्रत्येक राष्ट्रीय पार्टी तथा असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टी को ‘विधानसभा चुनाव के लिए’ दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर आवंटित प्रसारण समय को दोगुना करने का निर्णय लिया है.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के चुनावों के दौरान प्रत्येक राष्ट्रीय पार्टी और असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मान्यताप्राप्त क्षेत्रीय दल को दूरदर्शन और आकाशवाणी नेटवर्क के क्षेत्रीय केंद्रों पर समान रूप से 90 मिनट का आधार समय दिया जाएगा.
पार्टी को आवंटित किया जाने वाला अतिरिक्त समय इन राज्यों में हुए पिछले विधानसभा चुनावों और केंद्र शासित प्रदेश के 2016 में पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर तय किया गया है.
वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव के समय सरकार के स्वामित्व वाले टेलीविजन और रेडियो के मुफ्त उपयोग के माध्यम से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के सरकारी वित्त पोषण की नई पहल शुरू की गई थी.
इस योजना को बाद में 1998 के बाद सभी विधानसभा चुनावों और 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा चुनावों में बाद में बढ़ाया गया था.
तमिलनाडु: कमल हासन ने डीएमडीके को दिया साथ आने का न्योता
तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद के बाद सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के गठबंधन से डीएमडीके के बाहर होने के बाद मक्कल नीधि मैयम प्रमुख कमल हासन ने तुरंत ही पार्टी संस्थापक और महासचिव विजयकांत को अपने साथ आने का न्योता देते हुए समान विचार रखने वाली अन्य पार्टियों को भी साथ आने को कहा.
उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली गठबंधन ‘तीसरा नहीं बल्कि पहला मोर्चा है.’
हासन ने अपने विरोधियों की आलोचना से इनकार करते हुए मंगलवार को कहा कि वह हर उस व्यक्ति की आलोचना करेंगे जो ‘जनता का दुश्मन’ है.
गठबंधन दलों के नेताओं एस. सरथ कुमार (एआईएसएमके) और रवि पचामुथु (आईजेके) के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हासन ने यह पूछने पर कि हाल में क्या वह विशेष रूप से द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन पर निशाना साध रहे हैं, हासन ने कहा, ‘अगर मैं यह तय कर लूं कि कोई व्यक्ति जनता का दुश्मन है, तो मुझे उनकी आलोचना करनी ही है.’
हासन ने कहा, ‘पहले आप कहते थे कि मैं कभी उनकी (स्टालिन) आलोचना नहीं करता… (आप बताएं) मैं क्या करूं? जब मैं तय कर लेता हूं कि कोई व्यक्ति जनता का दुश्मन है तो, फिर कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कौन है. प्रत्येक (ऐसे व्यक्ति पर) निशाना साधा जाना चाहिए… उन्हें परिणाम भुगतने होंगे.’
उन्होंने सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के खिलाफ नरम रुख अपनाने के आरोपों से भी इनकार किया और कहा कि दोनों द्रविड़ पार्टियों को ‘सत्ता से हटा देना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘जब मैं सत्तारूढ़ पार्टी के बारे में (आलोचनात्मक तरीके से) बात कर रहा था, तब आपने पूछा था कि क्या वे (द्रमुक) मेरे मित्र हैं. मैं चाहता हूं कि गलती करने वाले सभी लोगों को सजा मिले. (एआईएडीएमके और द्रमुक) दोनों को हटाया जाना चाहिए, इसमें कोई संदेह नहीं है.’
तमिलनाडु: चुनाव आयोग ने आईआरएस अधिकारी का तबादला करने का निर्देश दिया
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के एक अधिकारी को तमिलनाडु से हटाने और उन्हें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुख्यालय से संबद्ध करने का निर्देश दिया.
सीबीडीटी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि तमिलनाडु में चुनावी तैयारियों की समीक्षा के बाद उसने आईआरएस अधिकारी के जी. अरूणराज का तमिलनाडु से तबादला करने और तत्काल सीबीडीटी के मुख्यालय से संबद्ध करने का फैसला किया है.
आयोग ने सीबीडीटी के अध्यक्ष से कहा, ’10 मार्च सुबह 10 बजे तक एक अनुपालन रिपोर्ट पेश की जा सकती है.’
एक अलग मामले में, चुनाव आयोग ने पुलिस अधीक्षक डी. कन्नान को निलंबित करने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया. कन्नान तमिलनाडु महिला उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के तहत जांच का सामना कर रहे हैं.
असम: पहले चरण के लिए 281 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए
असम विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए कुल 281 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. पहले चरण में 27 मार्च को 47 सीटों पर मतदान होगा.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है.
पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का मंगलवार अंतिम दिन था.
राज्य के निर्वाचन अधिकारी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस चरण में जिन चर्चित उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए उनमें मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (माजुली सीट), असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तथा गोहपुर से उम्मीदवार रिपुन बोरा और नाजिरा सीट से प्रत्याशी तथा कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया शामिल हैं.
नामांकन पत्रों की जांच 10 मार्च को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 12 मार्च है.
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च, एक अप्रैल, और छह अप्रैल को तीन चरण में चुनाव होगा.
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की संपत्ति पांच साल में 71 प्रतिशत से अधिक बढ़ी
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की चल-अचल संपत्ति 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद से 71 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है.
हालांकि, सोनोवाल (59) ने कोई नयी अचल संपत्ति नहीं खरीदी है. लेकिन, उनकी बैंक में जमा राशि 2016 के 12,13,320 रुपये से तीन गुना से अधिक बढ़ कर 38,02,498 रुपये हो गयी है.
माजुली (सुरक्षित) सीट से 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर सौंपे गये अपने हलफनामे में सोनोवाल 3.17 करोड़ रुपये की अपनी कुल संपत्ति की घोषणा की है.
यह 2016 में 1.85 करोड़ रुपये थी और इसमें 1,32,26,475 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. सोनोवाल की चल संपत्ति बढ़ कर 2021 में 1.14 करोड़ रुपये हो गई है, जो 2016 में 70.44 लाख रुपये थी.
वहीं, उन्होंने अचल संपत्ति पिछले चुनाव के हलफनामे में 1.15 करोड़ रुपये बताई थी, जो अब बढ़ कर 2.02 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
उनके पास नकद राशि घटकर 39,030 रुपये रह गई है, जबकि 2016 में यह 94,597 रुपये थी. उन्होंने पिछले पांच साल में कोई आभूषण नहीं खरीदा है.
दोनों ही चुनाव में उन्होंने अपने पास 30 ग्राम सोना होने की घोषणा की है. दोनों चुनाव में उन्होंने अपने पास कोई वाहन नहीं होने की घोषणा की है. उन पर कुल 27,29,460 रुपये की देनदारी भी है.
उनके खिलाफ कोई लंबित मामला नहीं है. उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता एलएलबी और बैचलर ऑफ कम्युनिकेशन्स एंड जर्नलिज़्म बताई है.
सोनोवाल माजुली (एसटी) सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. वहां 27 मार्च को प्रथम चरण के तहत मतदान होगा. उन्होंने मंगलवार को नामांकन भरा था.
राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों (27 मार्च, एक अप्रैल, 6 अप्रैल) में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.
पश्चिम बंगाल: चुनाव आयोग ने डीजीपी को हटाने का आदेश दिया
चुनाव आयोग ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया और उनके स्थान पर पी. नीरजनयन की नियुक्ति की.
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को भेजे निर्देश में कहा कि वीरेंद्र को ऐसा कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनावों से जुड़ा हो.
राज्य में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के बाद फैसला किया गया. चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग के आदेश का अनुपालन तत्काल किया जाए.
पत्र में कहा गया, ‘आयोग को कल (बुधवार) सुबह 10 बजे तक अनुपालन के बारे में जानकारी दी जाए.’ पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान की शुरूआत 27 मार्च को होगी और चुनाव 29 अप्रैल को संपन्न होंगे.