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पिछली विधानसभा की तुलना में इस बार तमिलनाडु विधानसभा में अधिक दागी नेता पहुंचे हैं। विधायक पद की शपथ लेने वाले 224 विजेता प्रत्याशियों के दिए शपथपत्रों के अनुसार 25 प्रतिशत नेताओं पर गंभीर प्रकृति (दागी) के अपराध दर्ज हैं। ऐसा नहीं है कि पिछली विधानसभा में ऐसे दागी नेता नहीं थे। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा कार्यकाल पूरा होने के बाद हाल में भंग की गई पिछली विधानसभा में ऐसे 19 प्रतिशत दागी विधायक थे।

57 विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार इत्यादि से सम्बन्धित अपराध शामिल हैं। जबकि विश्लेषित 224 शपथपत्रों में से 134 विजेता प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जो कि 60 प्रतिशत के बराबर है।

ज्ञातव्य है कि इस बार के विस चुनाव में डीएमके को 133 सीटें मिली हैं। उनके गठबंधन को 159 सीटें मिली हैं जबकि एआईएडीएमके गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की पूर्ण बहुमत वाली सरकार 7 मई को शपथ लेगी। उसके बाद आहूत होने वाले विधानसभा सत्र में प्रोटेम स्पीकर द्वारा विजेता सदस्यों को विधायक पद की शपथ दिलाई जाएगी।
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134 विजेता प्रत्याशियों द्वारा घोषित आपराधिक मामले पार्टी व प्रतिशत वार

पार्टी संख्या प्रतिशत
डीएमके 96 75
कांग्रेस 12 75
एआईएडीएमके 15 23
पीएमके 04 80
वीसीके 03 75
भाजपा 02 50
भाकपा 02 100
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86 प्रतिशत विधायक करोड़पति
रिपोर्ट के अनुसार नई विधानसभा में 86 प्रतिशत यानी 192 विधायक करोड़पति हैं। 2016 की विधानसभा में यह प्रतिशत 76 (223 शपथपत्रों का विश्लेषण) था और 170 विधायक करोड़पति थे। इनमें भी डीएमके आगे है। उसके 111 (89 प्रतिशत) करोड़पति हैं जबकि प्रमुख विपक्षी दल एआईएडीएमके के 58 विधायक (88 प्रतिशत) करोड़पति हैं। अधिकतम सम्पत्ति वाले विजेता उम्मीदवार अम्बासमुद्रम से एआईएडीएमके नेता ई. सुबय्या हैं जिनकी कुल सम्पत्ति 246 करोड़ है। दूसरे क्रम में डीएमके के अण्णा नगर विधायक एमके मोहन हैं जिनकी सम्पत्ति 211 करोड़ रुपए बताई गई है। सबसे गरीब विधायक भाकपा के के. मारीमुत्तु हैं जो झोपड़ी में रहते हैं।