चुनावी राजनीति में स्वच्छता लाने की बात हर मंच से कही जाती रही है। लेकिन जब चुनाव जीतने की बात आती है तो हर राजनीतिक दल करोड़पति और अपराधी उम्मीदवारों पर ही अपना भरोसा जताता है। तेलंगाना राज्य के विधानसभा चुनाव में उतरे 1821 उम्मीदवारों में से 1777 उम्मीदवारों के हलफनामे के अध्ययन के बाद एडीआर-इलेक्शन वॉच ने पाया है कि सभी दलों ने पैसे वालों और दबंग लोगों को ही टिकट थमाया है। रिपोर्ट के मुताबिक तेलुगूदेशम पार्टी के 92 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। वहीं राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस के 90 फीसदी, कांग्रेस के 80 और भाजपा के 73 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि 2014 में दोबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत सम्पत्ति 8.11 करोड़ थी, जबकि 2018 में यह 13.78 करोड़ हो गई। यानी दुबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति में 5.66 करोड़ रुपये की संपत्ति का इजाफा हुआ। रिपोर्ट में कांग्रेस के राजगोपाल रेड्डी को सबसे अमीर उम्मीदवार बताया गया है जिनकी कुल संपत्ति 314 करोड़ रुपये से अधिक घोषित की गई है। वे नालगोंडा जिले के मुनुगोडे सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड की बात करें तो 1777 उम्मीदवारों में से 21 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 13 फीसदी पर गंभीर अपराध के मुकदमे दर्ज हैं। गंभीर अपराध में हत्या, अपहरण, लूटपाट और महिलाओं के साथ किये गए अपराध शामिल हैं। पार्टियों के लिहाज से सबसे ज्यादा 70 फीसदी (99 में से 69) कांग्रेस ने दागी उम्मीदवारों पर अपना भरोसा जताया है। इसके बाद टीआरएस के 55 फीसदी यानी 65 उम्मीदवार और 37 फीसदी यानी 44 उम्मीदवारों ने अपनी आपराधिक गतिविधियों की जानकारी दी है।