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ludhiana

भले ही पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में पढ़े लिखे, स्वच्छ छवि व आम आदमी को आगे लाने का बोलबाला रहा हो लेकिन असलियत यह है कि प्रदेश की 15वीं विधानसभा की सीढियां चढने में अधिक दसवीं पास, क्रिमिनल्स बैकग्राउंड व करोडपति उमीदवार ही सफल हो सके है। इन आंकड़ो का काला चिटठा चुनाव सुधार में जुटी संस्था एसोसिएशन फॉर डैमोक्रैटिक रिर्फोम (एडीआर) व पंजाब इलेक्शन वॉच ने चुनाव लडऩे वाले उममीदवारों के चुनाव आयोग को दिये एफिडेविटों से ही जुटाकर मीडिया के सामने प्रस्तुत किया है।

आज लुधियाना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एडीआर के स्टेट कोआर्डिनेटर जसकीरत सिंह, परिवंदर सिंह व कुलदीप सिंह खैहरा ने बताया कि 117 विधायकों में से 16 पर क्रिमिनल जबकि 11 पर गंभीर क्रिमिनल मामले दर्ज है। पिछली बार क्रिमिनल एमएल का आंकडा 19 था, जबकि सीरियस क्रिमिनल का आंकडा केवल पांच विधायक का था। इसमें तीन विधायकों पर मर्डर व हत्या के प्रयास के चार्ज है। जिनमें एक दो एमएलए कांग्रेस व एक लोक इंसाफ पार्टी का है। राजासांसी के विधायक सुखबिंदर सिंह सरकारिया पर महिला अपराध के तहत केस दर्ज है। पार्टी वाइज एमएलए की बात करें तो 77 में कांग्रेस के 9, आप के 20 में से 4, अकाली दल के 15 में से 1 व लोक इंसाफ पार्टी के दोनों विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज है।

जबकि 95 विधायकों के पास एक करोड से अधिक संपत्ति है। जबकि विधायकों की औसत संपत्ति देखी जाए तो यह करीब 12 करोड प्रति एमएलए बनती है। आंकडों के मुताबिक पचास प्रतिशत यानि 59 विधायकों की संपत्ति 5 करोड से अधिक जबकि 31 प्रतिशत यानि 36 की एक करोड से पांच करोड रूपये, 12 प्रतिशत यानि 14 एमएलए की 25 लाख से 1 करोड रूपये व 7 प्रतिशत की संपत्ति यानि 8 एमएलए की सपंत्ति 25 लाख से नीचे है। जिसमें 117 विधायकों में सबसे अधिक कपूरथला के कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह सबसे अमीर 169 करोड संपत्ति, जलालाबाद से विधायक एवं शिअद सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल की 102 करोड व आम आदमी पार्टी के भुलत्थ से विधायक सुखपाल ङ्क्षसह खैहरा की संपत्ति 66 करोड है।

इस प्रकार नये चुने गए 117 विधायकों में 81 प्रतिशत यानि 95 विधायक करोडपति है। जबकि पिछली बार यह आंकडा 88 प्रतिशत यानि 103 विधायकों का था। सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों की बात करें तो यह तीनों ही आप पार्टी के रिजर्व सीट के कैंडडेट है। जिसमें रूपिंदर सिंह रूबी बंठिडा से एक लाख से अधिक सपंत्ति, कुलवंत सिंह पंडौरी मेहल कलां से दो लाख से अधिक व पिरमल सिंह धौला भदौड से तीन लाख रूपये से अधिक की संपत्ति है। पार्टी वाइज करोडपति विधायकों में कांग्रेस के 77 में 67, अकाली दल के 15 में से 15 का सौ फीसदी आंकडा, आप के 20 में से 8, भाजपा के 3 में से 3, लोक इंसाफ पार्टी के 2 में से 2 शामिल है। जोकि सभी विधायकों की औसत संपत्ति 12 करोड बनती है जोकि पिछली बार करीब दस करोड थी। पार्टी वाइज औसत संपत्ति देखें तो कांग्रेस के 77 विधायकों का औसत करीब साढे बारह करोड, आप का 8.33 करोड, भाजपा का 5.20 करोड, अकाली दल का 14.54 करोड व लोक इंसाफ पार्टी का औसत 10.14 करोड बनता है।

एडीआर के अनुसार विधायकों पर कर्ज के मामले में सबसे अधिक कर्जदार भी कांग्रेस के कपूरथला से अरबपति विधायक राणा गुरजीत सिंह ही है जिन पर 81 करोड से अधिक का कर्ज है। दूसरे पर यहां भी शिअद सप्रीमों पर सुखबीर सिंह बादल ही है जिन पर 39 करोड से अधिक का कर्ज है। तीसरे नंबर पर आप के सुनाम से विधायक अमन अरोडा पर 15 करोड से अधिक का कर्ज है। जीते विधायकों म्में अमृतसर के बाबा बकाला सीट से विधायक संतोख सिंह व बंठिडा रूरल से रूपिंदर रूबी ने संपत्ति दिखाने के बावजूद पैन कार्ड की डिटेल नहीं दी। जबकि अमृतसर पूर्वी सीट से नवजोत सिंह सिद्वू ने साल में करीब दस करोड रूपये, आप के सुनाम से विधायक अमन अरोडा की चार करोड से अधिक व राणा गुरजीत सिंह की सालाना इंकम दो करोड से अधिक होने के बावजूद इन्होंने अपनी इंकम टैक्स रिटर्न घोषित नहीं की।

इसके अलावा जगदेव सिंह मौड, सुखजीत सिंह धर्मकोट व दर्शन सिंह बराड बाघापुराना से ऐसे विधायक है, जिन्होंने आईटीआर ही नहीं फाइल की। एडीआर के अनुसार विधानसभा पहुंचने में सफल हुए 45 विधायक पांचवीं से लेकर 12वीं पास है जबकि 70 विधायक गे्रजूएट व इससे अधिक है। इनमें पांचवीं पास 1, आठवीं पास 6, दसवीं पास 21, 12वीं पास 17, ग्रैजूएट 32, ग्रैजूएट प्रौफेशन्लस 19 व पोस्ट ग्रैजूएट 18 एमएलए है। इसमें कांग्रेस के सबसे अधिक 22 ग्रैजूएट है जबकि दसवीं व 12वीं पास भी सबसे अधिक कांग्रेस के ही है।

आयु वर्ग की बात करें तो 51 विधायक 25 से 50 साल की उम्र, 65 विधायक 51 से 80 साल की आयु वर्ग के है। एक विधायक की आयु 80 साल है। सबसे बुजुर्ग शिअद के लंबी से विधायक प्रकाश सिंह बादल 89 व फाजिल्का से कांग्रेस के दविंदर घुबाया 25 साल के है। दोबार जीते विधायकों की बात करें तो 44 एमएलए दोबारा विधानसभा पहुंचने में सफल हुए। 2012 में इनकी औसत सपंत्ति 11.18 करोड थी जोकि अब बढकर 16.21 करोड हो गई। जोकि इंकम में 5.02 यानि 45 फीसदी की औसत वृद्वि दर्ज की गई। इनमें कांग्रेस के 31, अकाली दल के 9, भाजपा के 2 व लोक इंसाफ पार्टी के 2 एमएलए शामिल है।

महिलाओं की संखया महिलाओं की संखया केवल 6 ही रही। जोकि पिछली बार 14 थी। संस्था के नेता ने कहा कि उनकी संस्था चुनाव सुधार में लगी हुई है तथा इसमें कुछ सफलता भी मिली है। वह राजनीतिक दलों पर आरटीआई लागू करवाने में लगे हुए जोकि छह पार्टियों पर लागू करने के आदेश है लेकिन इसे इन पार्टियों द्वारा लागू नहीं किया जा रहा है। अब यह केस सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।