Source: 
Author: 
Date: 
02.11.2018
City: 

आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए गए नेता को जीवनभर चुनाव लड़ने से वंचित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट जल्द ही सुनवाई करेगा। कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताया है। इस मामले को लेकर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा नेता व याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय से कहा कि वे पूर्व में दाखिल अपनी याचिका की मुख्य मांग से न भटकें। शीर्ष कोर्ट ने कहा हम इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।

जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) में कहा गया है कि आपराधिक मामले में किसी को दो साल कैद से अधिक की सजा होती है तो वह अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता। जबकि, उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि आपराधिक मामले में दोषी नेताओं पर आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया था कि अगर किसी सरकारी अधिकारी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाता है तो उसकी सेवा हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं लेकिन नेताओं के मामले ऐसा नहीं है।

वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट सहायक विजय हंसारिया ने कहा कि दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे से निपटने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने से बेहतर यह होगा कि हर जिले में एक सत्र न्यायालय और एक मजिस्ट्रेट कोर्ट को विशेष तौर ऐसे मामलों के निपटारे लिए सूचीबद्ध कर दिया जाए, जिससे निर्धारित समय में मुकदमे का निपटारा संभव हो सके। दागी सांसद व विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे से निपटने के लिए 70 स्पेशल कोर्ट बनाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा नहीं, UP के लिए काम करूंगा: अखिलेश

13680 मुकदमें लंबित
इस पर केंद्र सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सरकार का ऐसा मानना है कि जहां 65 से कम मुकदमे दर्ज हैं वहां किसी नियमित कोर्ट को ऐसे मुकदमों का निपटारा करने की जिम्मेदारी दे दी जानी चाहिए। याचिका में एडीआर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि सांसद व विधायकों के खिलाफ 13680 आपराधिक मुकदमें लंबित हैं। मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।

निकाय चुनाव: भाजपा-कांग्रेस की 13 वार्डों में होगी सीधी टक्कर,वार्डों में बागी-निर्दलीय प्रत्याशी नहीं

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method