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नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने देश के मुख्यमंत्रियों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक घोषित आपराधिक मामलों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शीर्ष पर और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन दूसरे स्थान पर हैं. इस मामले में अरविंद केजरीवाल तीसरे स्थान पर हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश के 81 फीसद यानि 25 मुख्यमंत्री करोड़पति हैं. आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडु पहले व अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडु दूसरे स्थान पर हैं.

इलेक्शन वॉच और एडीआर द्वारा देश के विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 31 मुख्यमंत्रियों के नवीनतम शपथपत्रों का विश्लेषण कर सोमवार एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में 11 मुख्यमंत्रियों यानि 35 फीसद ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 8 मुख्यमंत्रियों यानि 26 फीसद ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर अपराधिक मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक धमकी, छल करने जैसे अपराध के मामले शामिल हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ सबसे ज्यादा कुल 22 मामले शपथपत्र में घोषित हैं जिनमें तीन गंभीर मामले हैं और केरल के मुख्यमंत्री ने कुल 11 मामले घोषित किए हैं जिसमें एक गंभीर आपराधिक मामला है.

वहीं देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने खिलाफ कुल 10 मामले घोषित किए हैं जिनमें तीन गंभीर किस्म के हैं. केजरीवाल के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं वो भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) के सेक्शन 332, 188, 149, 186, 353, 3, 499, 500, 147, 148, 151, 152, 153, 145 और 341 व कुछ अन्य अधिनियमों के तहत हैं.

रिपोर्ट में मुख्यमंत्रियों के धनबल के बारे में भी बताया गया है. इस दौड़ में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगभग 177 करोड़ की घोषित चल-अचल संपत्ति के साथ पहले स्थान पर हैं, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू लगभग 129 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह लगभग 48 करोड़ की घोषित संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास दो करोड़ के लगभग चल-अचल संपत्ति है और वे 31 मुख्यमंत्रियों में 19वें स्थान पर हैं. सबसे कम संपत्तियों की घोषणा त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्रियों ने की है.