पंजाब में दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों की प्रॉपर्टी को राजनीति खूब रास आई। 101 में से 78 नेता ऐसे हैं, जिनकी प्रॉपर्टी में 2 से 3000% तक बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें सबसे अव्वल अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल, वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और आप विधायक अमन अरोड़ा है। हालांकि 21 नेता ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति 74% तक कम हो गई। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) और पंजाब इलेक्शन वॉच ने चुनाव लड़ रहे 101 नेताओं के एफिडेविट से यह ब्यौरा तैयार किया है।
इसमें यह भी पता चला कि 2017 में इन 101 MLA की औसत संपत्ति 13.34 करोड़ थी। जो 2022 में बढ़कर 16.10 करोड़ हो गई। 5 वर्षों में इन विधायकों की संपत्ति में 2.76 करोड़ यानी 21% की वृद्धि हुई।
टॉप 5 MLA, जिनकी संपत्ति सबसे ज्यादा बढ़ी
- सुखबीर बादल : 2017 में 102 करोड़ के मुकाबले 2022 में उनकी संपत्ति 100 करोड़ बढ़कर 202 करोड़ हो गई।
- मनप्रीत बादल : पंजाब के वित्तमंत्री रहे। इनकी संपत्ति 2017 में 40 करोड़ से बढ़कर 2022 में 72 करोड़ हो गई। उनकी संपत्ति 32 करोड़ बढ़ गई।
- अमन अरोड़ा : आम आदमी पार्टी के विधायक की संपत्ति 29 करोड़ बढ़ी। 2017 में 65 करोड़ के मुकाबले 2022 में संपत्ति बढ़कर 95 करोड़ हो गई।
- कैप्टन अमरिंदर सिंह : साढ़े 4 साल मुख्यमंत्री रहे कैप्टन की संपत्ति 20 करोड़ बढ़ गई। 2017 में उनकी संपत्ति 48 करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर 68 करोड़ हो गई।
- अंगद सिंह : 5 साल कांग्रेस के विधायक रहे। इनकी संपत्ति में 13 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई। 2017 में इनकी संपत्ति 17 करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर 30 करोड़ हो गई। हालांकि इस बार कांग्रेस ने इन्हें टिकट नहीं दी तो यह निर्दलीय लड़ रहे हैं।
सत्ता में कांग्रेस लेकिन औसत बढ़ोतरी में निर्दलीय अव्वल
पिछले 5 साल सत्ता में कांग्रेस रही लेकिन संपत्ति में वृद्धि दूसरे दलों के दोबारा चुनाव लड़ रहे नेताओं की हुई।
- अकाली दल के 14 नेता दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं और इनकी संपत्ति में औसत वृद्धि 8 करोड़ रही।
- AAP के दोबारा चुनाव लड़ रहे 10 नेताओं की संपत्ति में औसत वृद्धि 3 करोड़ की रही।
- कांग्रेस के 67 नेता दोबारा चुनाव लड़ रहे और उनकी संपत्ति की औसत बढ़ोत्तरी 1 करोड़ रही।
- लोक इंसाफ पार्टी के 2 नेता दोबारा चुनाव लड़ रहे और उनकी संपत्ति में औसत वृद्धि 57 लाख रही।
- पंजाब लोक कांग्रेस से कैप्टन दोबारा चुनाव लड़ रहे, उनकी संपत्ति में 20 करोड़ की वृद्धि हुई।
- 2 निर्दलीय दोबारा चुनाव लड़ रहे, उनकी संपत्ति में 6 करोड़ की औसत वृद्धि हुई।